it-ministry-removes-regulatory-overlap-in-mobile-phone-smart-watch-testing
it-ministry-removes-regulatory-overlap-in-mobile-phone-smart-watch-testing 
देश

आईटी मंत्रालय ने मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच टेस्टिंग में रेगुलेटरी ओवरलैप को हटाया

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। आईटी मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के व्यापार में सहूलियत देने की दिशा में अपना अगला कदम बढ़ाते हुए दूरसंचार विभाग (डीओटी) के साथ शनिवार को मोबाइल फोन, स्मार्ट घड़ियों और अन्य व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को नियामक ओवरलैप के अनिवार्य परीक्षण में छूट देने की घोषणा की। डीओटी ने दूरसंचार के लिए उपयोग किए जा सकने वाले उपकरणों के लिए अनिवार्य परीक्षण और दूरसंचार उपकरण का प्रमाणन (एमटीसीटीई) निर्दिष्ट किया है। डीओटी ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के परामर्श से अब मोबाइल हैंडसेट, सर्वर, स्मार्ट वॉच, स्मार्ट कैमरा और पीओएस मशीनों को एमटीसीटीई शासन के दायरे से छूट देने का फैसला किया है। प्रौद्योगिकी के बढ़ते कन्वर्जेस के साथ कुछ उत्पादों- जैसे स्मार्ट वॉच, स्मार्ट कैमरा इत्यादि के संबंध में नियामक ओवरलैप नोट किया गया था। इस बात पर प्रकाश डाला गया कि इस तरह के ओवरलैप नए उत्पादों के समय पर लॉन्च के लिए एक बाधा है और उद्योग के लिए अनुपालन लागत को भी बढ़ाता है। आईटी मंत्री ने एक बयान में कहा, इन व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले उत्पादों पर छूट अनुपालन बोझ को कम करेगी और उद्योग को अपने उत्पादों को तेजी से रोल आउट करने में सक्षम बनाएगी। इससे आयात में देरी कम होगी। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने आईएएनएस को बताया कि यह एक्सक्लूजन एक मापा, कैलिब्रेटेड और एक सुविचारित निर्णय है। मोहिंद्रू ने कहा, यह उपभोक्ता हित और उद्योग के लिए व्यापार करने में आसानी के मुद्दों को संतुलित करता है। चूंकि ये उत्पाद पहले से ही मेइटी-बीआईएस के सीआरओ (अनिवार्य पंजीकरण आदेश) द्वारा अच्छी तरह से कवर किए गए हैं, नियामक ओवरलैप और दोहराव से बचा गया है। एमईआईटीवाई पहले से ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी (अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता) आदेश, 2012 के तहत निर्दिष्ट वस्तुओं (जैसे लैपटॉप, वायरलेस कीबोर्ड, पीओएस मशीन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण) का अनिवार्य पंजीकरण करता है। आईटी मंत्रालय ने कहा, यह नियामक सुधार इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण कंपनियों के लिए व्यापार करने में आसानी में सुधार करेगा और भारत को 1 खरब डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनाने में योगदान देगा। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम