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तमिलनाडु की इरुला महिलाएं करेंगी निमो पालन

Raftaar Desk - P2

चेन्नई, 24 मई (आईएएनएस)। तमिलनाडु का पिछड़ा इरुला समुदाय जल्द ही भारत सरकार द्वारा समर्थित हाई-एंड क्लाउनफिश के पालन की परियोजना अपनाएगा। सुपरस्टार सूर्या की फिल्म जय भीम के जरिए इरुला समुदाय सुर्खियों में आया था। फिल्म में अपने लापता पति के बारे में सच्चाई सामने लाने के लिए एक इरुलर महिला की लड़ाई को दशार्या गया है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार करके लॉकअप में मौत के घाट उतार दिया था। क्लाउनफिश 2003 की हॉलीवुड एनीमेशन फिल्म फाइंडिंग निमो से भी फेमस हुई है। इरुला महिला जीविका के लिए मछली पालन करेंगी। इस परियोजना को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के साथ-साथ नेशनल ब्यूरो ऑफ फिश जेनेटिक रिसोर्सेज (एनबीएफजीआर) का समर्थन प्राप्त है। एनबीएफजीआर मछली पालन के लिए इरुला महिलाओं को तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा। 250 इरुला महिलाएं इस परियोजना में शामिल हुई हैं, जिसे भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से 1.65 करोड़ रुपये का आवंटन है। एनबीएफजीआर के निदेशक, कुलदीप के. लाल ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि एनबीजीजीआर इस उच्च मूल्य वाली प्रजाति को पालने के लिए इरुला महिलाओं को विशेषज्ञता और प्रशिक्षण प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि समुद्री क्लोनस की कीमत 150-300 रुपये प्रति पीस है और इसे अक्सर अवैध रूप से प्रवाल भित्तियों से एकत्र किया जाता है, इस परियोजना के साथ इसे कम किया जा सकता है और इरुला महिलाओं को एक अच्छा पारिश्रमिक मिल सकेगा। --आईएएनएस एमएसबी/एमएसए