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देश

आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ स्वदेशी चिकित्सा प्रणालियों को इंटीग्रेट करें : मंडाविया

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 21 अप्रैल (आईएएनएस)। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने गुरुवार को कहा कि आयुर्वेद, योग जैसी हमारी स्वदेशी चिकित्सा प्रणालियों को आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ इंटीग्रेट करना समय की मांग है। उन्होंने यहां राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान अकादमी (एनएएमएस) के 62वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करते हुए कहा, अनुसंधान और नवाचार पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए। एनएएमएस को बधाई देते हुए, मंडाविया ने देश भर से इस आयोजन में 20 से अधिक प्रतिष्ठित संस्थानों की भागीदारी की सराहना की। देश के कल्याण में योगदान के लिए अकादमी की सराहना करते हुए, मंडाविया ने रेखांकित किया कि इस राष्ट्र में कभी भी जनशक्ति या दिमागी शक्ति की कमी नहीं थी। हमें केवल आत्मविश्वासी होना है। उन्होंने मौजूद लोगों को अपने स्वदेशी अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए आत्मविश्वास रखने के लिए प्रोत्साहित किया। भारत की स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रगति पर बोलते हुए, मंत्री ने कहा, हमने न केवल कोविड -19 वैक्सीन विकसित की, बल्कि बहुत कम समय में उनका निर्माण और निर्यात भी किया। इस पर निराशाजनक अनुमान लगाए गए थे, लेकिन हम न केवल महामारी को अच्छी तरह से प्रबंधित करने में सक्षम हुए, बल्कि विश्व स्तर पर अपनी सर्वोत्तम प्रैक्टिस को भी साझा किया। मंडाविया ने अकादमी और शोधकर्ताओं को अनुसंधान और नवाचार में निजी क्षेत्र के साथ सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, एनएएमएस के अध्यक्ष डॉ. एस. के. सरीन, एनएएमएस के उपाध्यक्ष डॉ. आर दयाल और एनएएमएस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. एस.सी. गोपाल सहित अन्य उपस्थित थे। --आईएएनएस आरएचए/एएनएम