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देश

गोलाबारी के बीच जान जोखिम में डालकर बॉर्डर की ओर बढ़ रहे भारतीय छात्रों ने कहा- अगर हमें कुछ होता है तो सरकार जिम्मेदार होगी

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 5 मार्च (आईएएनएस)। यूक्रेन के उत्तर पूर्वी राज्य सुमी में फंसे करीब 600 छात्रों ने एक और वीडियो बनाकर कहा है कि अगर उन्हें कुछ होता है तो सरकार जिम्मेदार होगी। सभी छात्र सुमी मेडिकल यूनिवर्सिटी के हैं, जो इस समय युद्ध क्षेत्र में गोलाबारी और बम धमाकों के बीच रह रहे हैं। आईएएनएस को भेजे गए एक वीडियो में छात्रों ने कहा, आज युद्ध का दसवां दिन है। हमें पता चला है कि रूस ने दो शहरों की सीमा के गलियारे को खोलने के लिए संघर्ष विराम की घोषणा की है, उनमें से एक मारियुपोल है, जो यहां से 600 किमी दूर है। सुबह से हम एयरजेट, बमबारी की आवाज सुन रहे हैं और सड़कों पर लड़ाई जारी है। हमने लंबे समय तक इंतजार किया है और हम अब और इंतजार नहीं कर सकते। हम अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं, हम सीमाओं की ओर बढ़ रहे हैं। अगर हमें कुछ होता है, तो सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह उनके द्वारा बनाया गया आखिरी वीडियो है, क्योंकि उन्होंने भारी गोलाबारी के बीच अपनी जान जोखिम में डालकर सीमाओं की ओर चलना शुरू कर दिया है। छात्रों ने कहा, रूस ने सीमा खोली है और हम आगे बढ़ रहे हैं। बस हमारे लिए प्रार्थना करें, हमें अभी हमारी सरकार की आवश्यकता है। इस दौरान छात्र भारत माता की जय के नारे लगाते भी नजर आए। छात्रों के पास पानी, भोजन और ऐसी कुछ भी जरूरी चीजें नहीं हैं, जो उन्हें जीवित रहने के लिए चाहिए। उन्होंने कई अनुरोध किए लेकिन कोई मदद उन तक नहीं पहुंची। शुक्रवार को भी उन्होंने आईएएनएस को अपनी आपबीती सुनाते हुए कुछ वीडियो भेजे थे। अब वे भारत माता की जय का नारा लगाते हुए और अपनी जान जोखिम में डालकर जीवन की आस में सीमा की ओर बढ़ गए हैं। हालांकि वे उम्मीद नहीं छोड़ रहे हैं और उन्हें विश्वास है कि वे देश में सुरक्षित पहुंच जाएंगे। --आईएएनएस एकेके/एएनएम