नई दिल्ली, 07 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत प्रत्येक वर्ष लगभग 1.20 लाख टन शहद का उत्पादन करता है। इसका लगभग 50 प्रतिशत निर्यात किया जाता है। बीते कुछ वर्षों में शहद व संबंधित उत्पादों का निर्यात बढ़कर करीब दोगुना हो चुका है। देश में गुणवत्तापूर्ण शहद का उत्पादन और अधिक हो सके इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री तोमर ने बुधवार को कृषि भवन में मधुक्रांति पोर्टल" व "हनी कॉर्नर" सहित शहद परियोजनाओं का शुभारंभ करते हुए कहा कि शहद (मीठी) क्रांति देशभर में तेजी से अग्रसर होगी। तोमर ने कहा कि शहद का उत्पादन बढ़ाकर निर्यात में वृद्धि की जा सकती है, रोजगार बढ़ाए जा सकते हैं, वहीं गरीबी उन्मूलन की दिशा में भी बेहतर काम किए जा सकते हैं। नाफेड ने शहद की मार्केटिंग की कमान संभाली है यह शुभ संकेत हैं। इसके माध्यम से दूरदराज के मधुमक्खी पालकों को अच्छी मार्केट मिल पाएगी। तोमर ने कहा कि "मधुक्रांति पोर्टल" के माध्यम से पारदर्शिता आएगी। हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वह वैश्विक मानकों पर खरा उतरना चाहिए। मंत्रालय ने पिछले कुछ समय में मापदंड बनाए हैं, जिससे स्थिति में काफी सुधार आई है। उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) में छोटे मधुमक्खी पालकों को शामिल करने के लिए जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है। उन्हें ट्रेनिंग देने का कार्य भी किया जाना चाहिए । उल्लेखनीय है कि वैज्ञानिक तरीके से मधुमक्खी पालन के समग्र संवर्धन और विकास के लिए और "मीठी क्रांति" के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आत्म निर्भर भारत पैकेज के तहत 500 करोड़ रूपये आवंटित किए गए थे। हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष