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भारत, जापान ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में परमाणु खतरों पर किया विमर्श

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 19 मार्च (आईएएनएस)। भारत-प्रशांत क्षेत्र में परमाणु हथियारों से खतरे के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष फुमियो किशिदा ने शनिवार को उत्तर कोरिया के अस्थिर करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण पर चर्चा की, जिसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों का उल्लंघन किया है। किशिदा ने उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण की निंदा करते हुए कहा कि वे क्षेत्र को अस्थिर कर रहे हैं। जापानी प्रधानमंत्री 14वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली में हैं। एक संयुक्त बयान में दोनों देशों ने प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों के अनुरूप, उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और उत्तर कोरिया के प्रसार संबंधों से संबंधित चिंताओं को दूर करने के महत्व की पुष्टि की। उन्होंने उत्तर कोरिया से प्रासंगिक यूएनएससी प्रस्तावों के तहत अपने अंतर्राष्ट्रीय दायित्वों का पूरी तरह से पालन करने और अपहरण के मुद्दे को तुरंत हल करने का आग्रह किया। प्रधानमंत्रियों ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता का एहसास करने के लिए निकटता से सहयोग करने के अपने इरादे की भी पुष्टि की और सभी मानवीय संकटों को संबोधित करने, मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और सही मायने में प्रतिनिधि व समावेशी राजनीतिक प्रणाली की स्थापना सुनिश्चित करने के महत्व पर बल दिया। संयुक्त बयान में कहा गया है, उन्होंने यूएनएससी के प्रस्ताव 2593 (2021) के महत्व की भी पुष्टि की, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अफगान क्षेत्र का उपयोग आतंकवादी कृत्यों को पनाह देने, प्रशिक्षण देने, योजना बनाने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की अपील की। --आईएएनएस एसजीके/एएनएम