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एक असामान्य कला रूप में, यूपी के छात्र ने केले के पत्तों पर किया पेंट

Raftaar Desk - P2

प्रयागराज, 6 अगस्त (आईएएनएस)। केले के पत्ते पर पेंट करना एक असामान्य कला है और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ललित कला स्नातकोत्तर छात्र मनोज कुमार इसका पूर्णता के साथ अभ्यास कर रहे हैं। वह केले के पत्तों पर पेंट करते हैं और कहते हैं कि यह किसी अन्य सतह पर पेंटिंग करने से कहीं अधिक कठिन है। उन्होंने कहा कि केले के पत्ते की कोमलता और नाजुकता इस पर पेंट करना बेहद मुश्किल बना देती है। हरे और सूखे केले के पत्ते पर तेल ऐक्रेलिक रंग अक्सर छूट जाते हैं। मनोज बताते हैं कि केले के पत्तों के साथ मेरे सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उस पर पेंसिल से रूपरेखा बनाना संभव नहीं है। इसके अलावा, ऑयल एक्रेलिक रंग भी पत्तियों पर मजबूती से नहीं टिकते हैं और पत्ते पर रंग फिसल जाता है, जैसा कि मानव का गीला शरीर होता है। मनोज ने कहा कि कैनवास, कागज और दीवारों जैसी अन्य सतहों पर काम करने के विपरीत, हरे केले के पत्तों पर पेंटिंग करने में अधिक समय लगता है। उन्होंने कहा कि पत्तियों को सुखाने से पहले एक अनोखे घोल में डालना पड़ता है ताकि वे टूटें या फटें नहीं। उन्होंने और जानकारी देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे इसे पूरा करने दो और फिर मैं इसके बारे में बात करूंगा। चूंकि यह श्रवण का महीना है, मनोज केले के पत्तों पर भगवान शिव की पेंटिंग बना रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि इससे उन्हें सराहना मिलेगी। --आईएएनएस एमएसबी/एएनएम