लगा रहे प्रेम हिंदी में, पढूं हिंदी लिखूं हिंदी, चलन हिंदी ....चलूं हिंदी पहनना, ओढ़ना खाना। पंडित रामप्रसाद बिस्मिल ने दशकों पहले इस भाषा के सुशोभन में इन पंक्तियों का प्रस्तुतीकरण किया था। लेकिन भारत विविधताओं वाला देश है। और इस देश में एक कहावत काफी मशहूर है कि कोस क्लिक »-www.prabhasakshi.com