Hearing deferred on petition seeking early decision on disqualification of 10 Goa MLAs
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गोवा के 10 विधायकों की अयोग्यता पर जल्द फैसला लेने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई टली

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 04 जनवरी (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट ने गोवा विधानसभा के स्पीकर को कांग्रेस के 10 बागी विधायकों की अयोग्यता पर जल्द फैसला लेने का दिशा-निर्देश जारी करने करने से संबंधित याचिका पर जल्द सुनवाई करने की मांग पर सुनवाई टाल दी है। इस मामले पर फरवरी में सुनवाई होगी। सोमवार को सुनवाई के दौरान गोवा विधानसभा के स्पीकर की ओर से कहा गया कि फैसले की प्रक्रिया जारी है। सुनवाई के दौरान कांग्रेस की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि याचिका 2019 में दाखिल की गई थी। डेढ़ साल का समय बीत चुका है और स्पीकर ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट स्पीकर को जल्द फैसला लेने का आदेश दे। उल्लेखनीय है कि 16 जून, 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को नोटिस जारी किया था। याचिका गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष गिरीश चोडणकर ने दायर किया है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अयोग्य ठहराए जाने वाली याचिका अगस्त 2019 के पहले से लंबित है। उस पर स्पीकर को जल्दी फैसला करना चाहिए। याचिका में कहा गया है कि स्पीकर ने अयोग्यता का फैसला करने के लिए तीन महीने की समय सीमा का उल्लंघन किया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर विधायक दलबदल के मुद्दे से संबंधित अपने हालिया फैसले में तीन महीने की समय सीमा तय की है। जुलाई 2019 में गोवा में 15 कांग्रेस विधायकों में से 10 ने पार्टी छोड़ दी और भाजपा में विलय कर लिया। इससे सत्तारुढ़ पार्टी की ताकत 27 से बढ़कर 40 हो गई। अगस्त 2019 में कांग्रेस ने विधानसभा स्पीकर राजेश पटनेकर के समक्ष दस विधायकों की अयोग्यता के लिए याचिका दायर की। ये याचिका अभी तक लंबित है। याचिका में कांग्रेस के 10 विधायकों के भाजपा के साथ विलय को चुनौती दी गई है, क्योंकि पार्टी या गोवा इकाई में कोई विभाजन नहीं था। हिन्दुस्थान समाचार/संजय-hindusthansamachar.in