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हरियाणा ने बिना पुनर्वास के खोरी गांव तोड़ने का आदेश दिया : आप सांसद, सुशील गुप्ता

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 22 जून (आईएएनएस)। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली बॉर्डर पर स्थित हरियाणा के खोरी गांव को तोड़ने का आदेश दिए जाने का विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट ने ने यहां अनाधिकृत निर्माण हटाने के आदेश दिए हैं। आप नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता ने कहा कि वह खोरी गांव को तोड़ने के आदेश के खिलाफ पीएम को ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने गैरकानूनी तरीके से उन्हें और उनके साथियों को हिरासत में ले लिया। आम आदमी पार्टी ने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार ने मजबूत पैरवी नहीं की और हरियाणा सरकार ने भी अनदेखी की, जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने खोरी गांव को तोड़ने का आदेश दिया है। हरियाणा सरकार ने लोगों का बिना पुनर्वास किए ही गांव को तोड़ने का आदेश दे दिया है। आप ने कहा कि हमारी मांग है कि हरियाणा सरकार सबसे पहले खोरी गांव में रहने वाले लोगों का पुनर्वास करे और हिरासत में लिए गए हमारे सहयोगियों को तत्काल छोड़ा जाए। सुशील गुप्ता ने मंगलवार को कहा कि दिल्ली के बॉर्डर पर हरियाणा के फरीदाबाद में खोरी गांव करीब 40-50 साल से बसा हुआ है। खोरी गांव की करीब एक लाख की आबादी है और ज्यादातर लोग बिहार और उत्तर प्रदेश से आकर रहते हैं। हरियाणा सरकार ने खोरी गांव खाली कराने का आदेश नगर निगम को दे दिया है। उन्होंने कहा कि पिछले 30 साल से वहां नगर निगम का प्राथमिक विद्यालय भी चल रहा है, परंतु आज अचानक उस गांव को तोड़ने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया। भारत सरकार ने उसके अंदर अपनी पैरवी मजबूती से नहीं की। हमने उस गांव के पुनर्वास की मांग की थी। आज से पहले बीसियों बार मैं हरियाणा के मुख्यमंत्री व राज्यपाल को लिख चुका हूं। मानवता के आधार पर मैने भारत के राष्ट्रपति को भी लिखा और प्रधानमंत्री को भी लिखा। परंतु उस गांव को तोड़ने के लिए आमादा हैं और किसी प्रकार का पुनर्वास की तैयारी हरियाणा सरकार के द्वारा नहीं की गई। राज्यसभा सदस्य सुशील गुप्ता ने कहा कि मंगलवार को सुबह 7 बजे अवैध तरीके से हरियाणा पुलिस ने मुझे डिटेन किया। पहले मुझे सराय ख्वाजा पुलिस स्टेशन लेकर गए। फिर सड़क पर लेकर मुझे घूमते रहे, जैसे मैं कोई गुंडा या अपराधी हूं। मुझे लगभग 5 घंटे तक सड़क पर घुमाया। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम