गोस्वामी जी जब भी किसी पात्र की गाथा गा रहे हों तो ऐसा नहीं कि वे मात्र एक कहानी ही कह रहे हैं। अपितु उस गाथा के माध्यम से वे जीव और भगवान के मध्य घटने वाले समस्त दैहिक व आध्यात्मिक प्रभावों का वर्णन भी कर रहे होते हैं। उनका क्लिक »-www.prabhasakshi.com