गीता प्रेमियों ! हमारा मानव जीवन एक अवसर है, श्रेष्ठ करने का, श्रेष्ठ बनने का और श्रेष्ठ पाने का। भगवान ने अर्जुन को यही समझाया था, इस सुनहरे अवसर को मत गँवाओ। इस समय युद्ध में प्रवृत्त होना ही तुम्हारा श्रेष्ठ कर्म है। इससे तुम श्रेष्ठ बनोगे और श्रेष्ठता को क्लिक »-www.prabhasakshi.com