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आरक्षण को तर्कसम्मत बनाने के लिए जाति जनगणना करवाए सरकार - दीपंकर भट्टाचार्य

Raftaar Desk - P2

पटना, 12 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में जाति आधाारित जनगणना को लेकर प्रारंभ सियासत थमती नजर नहीं आ रही है। इस बीच, भाकपा (माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने गुरुवार को आरक्षण को तर्कसम्मत बनाने के लिए जाति जनगणना की मांग दुहराई है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मुद्दे को भटकाने के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून की बात कर रही है, लेकिन अभी विगत तीन दशकों में जनसंख्या वृद्घि की दर घटी है और फिलहाल जनसंख्या कोई मुद्दा नहीं है। पटना में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भट्टाचार्य ने कहा कि संसद में सत्ता व विपक्ष की सहमति से ओबीसी आरक्षण पर एक बिल पारित हुआ है, इसकी जरूरत थी, लेकिन यह अपने आप में पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा कि आरक्षण को सुचारू व तर्कसम्मत तरीके से लागू करने के लिए जाति जनगणना जरूरी है। उन्होंने कहा, वर्ष 1931 के बाद जाति जनगणना हुई ही नहीं है। मंडल कमीशन की सिफारिश भी उसी आधार पर हुई। 2011 के आंकड़े अभी तक सामने नहीं आए। यदि आरक्षण को अपडेट करना है तो जातिगत जनगणना होनी ही चाहिए। उन्होंने आगे कहा, कोविड सर्वे पर आाारित स्वस्थ्य बिहार-हमारा अधिकार जनकन्वेंशन का आयोजन 13 अगस्त को होगा। इस दिन अपनी रिपोर्ट पेश की जाएगी और इस मसले पर आधारित एक फिल्म का भी प्रदर्शन होगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार सरकार कोविड के मौत के आंकड़ों को लेकर खेल खेल रही है। सरकार के आंकड़े व वास्तविकता में जमीन आसमान का अंतर है। भाकपा (माले) के नेता ने कहा कि स्वतत्रंता दिवस पर व्यापक पैमाने पर हम अपनी आजादी व देश की एकता को बचाने का संकल्प लेंगे। --आईएएनएस एमएनपी/एएनएम