कोरोना वायरस से नहीं डरे लेकिन बीजेपी, ईडी और सीबीआई के डर से गहलोत के विधायक हुए आइसोलेट
कोरोना वायरस से नहीं डरे लेकिन बीजेपी, ईडी और सीबीआई के डर से गहलोत के विधायक हुए आइसोलेट 
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कोरोना वायरस से नहीं डरे लेकिन बीजेपी, ईडी और सीबीआई के डर से गहलोत के विधायक हुए आइसोलेट

Raftaar Desk - P2

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी सत्ता में है और कम से कम अभी भी अशोक गहलोत राज्य के मुख्यमंत्री हैं. राज्य की पुलिस और ख़ुफ़िया विभाग सीधे उन्हीं को रिपोर्ट भी करता है. लेकिन उसके बावजूद कांग्रेस पार्टी को अपने अभी तक वफ़ादार विधायकों को जयपुर से जैसलमेर ले जाया गया है. इसका मतलब साफ़ है कि कांग्रेस पार्टी यह मान रही है कि बेशक फ़िलहाल अशोक गहलोत के पास 102 विधायक का समर्थन है. लेकिन इन सभी विधायकों की वफ़ादारी उनके प्रति या कांग्रेस के प्रति बनी रहेगी यह ज़रूरी नहीं है. इस सिलसिले में कांग्रेस की हाईकमान की तरफ से रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन को यह निर्देश दिए गए हैं कि जब तक विधानसभा सत्र शुरू नहीं हो जाता है तब तक ये लोग कांग्रेस के विधायकों के साथ ही रहें. दरअसल इसके पीछे कांग्रेस के सूत्र जो कहानी बता रहे हैं उसके अनुसार कांग्रेस के विधायकों पर विधानसभा सत्र की तारीख़ तय होने के बाद दबाव बढ़ गया है. अशोक गहलोत को ख़ुफ़िया एंजेंसियों ने ख़बर दी है कि इन विधायकों के रिश्तेदारों और परिवार के लोगों को धमकी दी जा रही है कि अगर उन्होने गहलोत का साथ नहीं छोड़ा तो उनके बिजनेस को नुकसान हो सकता है. बताया जा रहा है कि इन विधायकों के परिवारों को सीबीआई, इन्कम टैक्स और ईडी का डर दिखाया जा रहा है. यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी और अशोक गहलोत अब अपने समर्थक विधायकों को एक तरह से आइसोलेशन में रखना चाहते हैं. यानि ये विधायक अगले दो सप्ताह अपने परिवारों से भी नहीं मिल पाएंगे. राज्य में अब यह चुटकुला चल पड़ा है कि जो नेता और विधायक कोरोना से नहीं डरे वो सचिन और बीजेपी के डर से आइसोलेशन में चले गए हैं.-newsindialive.in