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पाकिस्तानी अखबारों सेः इमरान की भी भारत के साथ बातचीत की पेशकश, विपक्ष ने कहा- इमरान के बस की नहीं

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 06 फरवरी (हि.स.)। पाकिस्तान से शनिवार को प्रकाशित अधिकांश समाचारपत्रों ने कश्मीर से सम्बंधित खबरें प्रकाशित की हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत सरकार को कश्मीर समस्या के समाधान के लिए बातचीत की पेशकश की है। इमरान खान ने कहा है कि अगर भारत जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बहाल करता है तो वह भारत से बातचीत करने को तैयार हैं। उनका कहना है कि कश्मीर समस्या का समाधान बातचीत से ही मुमकिन है और भारत को बातचीत की मेज पर आना चाहिए। अखबारों ने लिखा है कि इसके साथ ही इमरान खान ने यह भी कहा है कि भारत उनकी इस पेशकश को कमजोरी समझने की कोशिश ना करे। पाकिस्तान की फौज दुश्मन के हर हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहती है। इमरान खान की पेशकश पर पाकिस्तान के मुख्य विपक्षी दलों की तरफ से कहा गया है कि इमरान खान और नरेंद्र मोदी अक्षम हैं। इन दोनों के कार्यकाल में कश्मीर समस्या का समाधान मुमकिन नहीं है। अखबारों ने लिखा है कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के लीडर बिलावल भुट्टो और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की लीडर मरियम नवाज़ ने एक सभा को सम्बोधित करते हुए यह सभी बातें कही हैं। पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष जनरल कमर बाजवा ने भी कश्मीर समस्या का समाधान करने की मांग की है। उनका कहना है कि कश्मीर समस्या एक मानवीय समस्या है और इसका हल बातचीत से निकाला जाना चाहिए। क्वेटा में कश्मीर पर आयोजित एक रैली में ट्रक में रखे बम के फटने से दो लोगों की मौत और 19 लोगों के जख्मी होने की खबर भी अखबारों ने प्रकाशित की है। अखबारों ने लिखा है कि रैली में शामिल होने के लिए यह ट्रक आया था, जिसमें बम छिपाकर रखा गया था। पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। अभी तक इस मामले में किसी भी तरह की कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है। अखबारों ने कल जुमा (शुक्रवार) के दिन पूरे पाकिस्तान में कश्मीरियों के साथ एकता का प्रदर्शन करते हुए जगह जगह जलसे-जुलूस, रैलियों आदि का आयोजन करने की खबरें छापी हैं। पाकिस्तान के राजनीतिक दलों के साथ-साथ धार्मिक संगठनों ने कश्मीर समस्या का समाधान पाकिस्तान भारत और संयुक्त राष्ट्र संघ से करने की मांग की है। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान, रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा नवाएवक्त ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन के बीच आज शनिवार को चक्का जाम करने की खबर प्रकाशित की है। अखबार का कहना है कि भारत में किसानों के संगठनों की तरफ से चक्का जाम करने का फैसला लिया गया है। इस चक्का जाम के ऐलान के बाद से भारत में सुरक्षाबलों ने धरना-स्थल और अन्य दूसरे स्थानों पर अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। अखबार ने लिखा है कि सरकार की तरफ से चक्का जाम को रोकने के लिए कोई ऐलान नहीं किया गया है लेकिन किसान संगठनों ने कहा है कि वह यह चक्का जाम शांतिपूर्वक ढंग से करेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में चक्का जाम नहीं करने का फैसला लिया है। उन्होंने यह फैसला शरारती तत्वों के जरिए हंगामा किए जाने की भावनाओं को देखते हुए लिया है। रोजनामा खबरें ने एक विशेष खबर प्रकाशित की है, जिसमें दावा किया गया है कि अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देश, विकासशील और गरीब देशों को महंगे दामों में कोरोनावायरस वैक्सीन बेचने की तैयारी कर रहे हैं। यूरोपियन यूनियन में शामिल बेल्जियम के एक मंत्री ने ट्विटर पर वैक्सीन के रेट से सम्बंधित एक ट्वीट किया था, जिसमें बताया गया था कि अमेरिका में वैक्सीन की कीमत 350 रुपये, दक्षिण अफ्रीका में 850 और पाकिस्तान में इसकी कीमत 1150 रुपये रखी गया है। बाद में इस ट्वीट पर हंगामा मचने के बाद उसे डिलीट कर दिया गया है। अखबार का कहना है कि इस ट्वीट ने अमीर और गरीब देशों के बीच वैक्सीन के दामों को पूरी तरह से उजागर कर दिया है। अखबार का कहना है कि जहां संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्व स्वास्थ्य संगठन गरीब देशों में वैक्सीन उपलब्ध कराने को लेकर चिंतित हैं, वहीं यूरोप और अमेरिका गरीब देशों को वैक्सीन देने के नाम पर मुनाफाखोरी में लगे हुए हैं। रोजनामा पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर से सम्बंधित एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन दशक के दौरान कश्मीर में एक लाख कश्मीरियों का कत्ल किया गया है। 1 लाख 67 हजार कश्मीरियों को जेलों में बंद किया गया है और 22 हजार से ज्यादा कश्मीरी महिलाओं को विधवा बनाया गया है। अखबार का कहना है कि यह जो आंकड़े बताए जा रहे हैं, उसको देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि जम्मू-कश्मीर में कश्मीरियों को किस तरह से सुरक्षाबलों के जरिए खुलेआम मारा जा रहा है। अखबार का कहना है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां कश्मीरियों पर लगातार जुल्म और बर्बरता कर रही हैं। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद-hindusthansamachar.in