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दशहरा ने कोविड के डर को दी मात, कर्नाटक में पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाया

Raftaar Desk - P2

बेंगलुरु, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)। सप्ताहांत के बाद हाल ही में संपन्न दशहरा उत्सव कर्नाटक में पर्यटन क्षेत्र के लिए उम्मीदें लेकर आया है। कोविड -19 की आशंकाओं के बीच, पिछले 10 दिनों में ऐतिहासिक दशहरा उत्सव देखने के लिए रिकॉर्ड संख्या में लोग मैसूर पहुंचे हैं। पिछले साल दशहरा समारोह के दौरान जब कोविड महामारी ने कहर बरपाया था, तब कुल 9,345 लोगों ने मैसूर पैलेस का दौरा किया था। इस बार 10 दिन में संख्या बढ़कर 36,618 हो गई है। इसी तरह, मैसूर चिड़ियाघर में पिछले साल 20,000 के मुकाबले 75,000 लोगों की भीड़ देखी गई। 16,000 से अधिक ने मैसूर में रेलवे संग्रहालय का दौरा किया। लोगों की प्रतिक्रिया से उत्साहित मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने घोषणा की कि मैसूर में एक विशेष पर्यटन क्षेत्र बनाया जाएगा और अगले साल से सरकार बड़े पैमाने पर दशहरा मनाएगी। मैसूर शहर के भीतर 105 किलोमीटर की दूरी पर 119 सड़कों और 96 जंक्शनों पर मैसूर पैलेस की विशेष रोशनी की व्यवस्था 24 अक्टूबर तक जारी रहेगी ताकि क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित किया जा सके। मैसूर जिला प्रशासन, जिसने दूसरी लहर के दौरान कोविड संकट के प्रबंधन के लिए आलोचना की थी, को दशहरा समारोह के दौरान बोम्मई और जिला प्रभारी मंत्री एस.टी. सोमशेखर ने अधिकारियों की प्रशंसा की है। सोमशेखर ने बताया कि 5.12 लाख लोगों ने दशहरा उत्सव को ऑनलाइन देखा और अकेले दशहरा जंबो सावरी को फेसबुक पर 1.85 लाख हिट मिले। इस बीच, नवगठित विजयनगर जिले में विश्व धरोहर स्थल हम्पी उत्सव के दौरान 12,000 से अधिक पर्यटकों से भरा हुआ था। चिक्कमगलूर के पहाड़ी शहर में ट्रैफिक जाम देखा गया और दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़ और उडुपी के तटीय जिलों में समुद्र तट लंबे समय के बाद भरे हुए नजर आए। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस