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दिल्ली: बाल मूत्र रोगों के लिए पहली यूरोडायनामिक्स प्रयोगशाला

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 23 मार्च, (आईएएनएस)। स्वास्थ्य व्यवस्था में बेहतरी लाने के उद्दयेशय से दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में एक अत्याधुनिक यूरोडायनामिक्स प्रयोगशाला की शुरूआत की है। यह दिल्ली सरकार के किसी भी अस्पताल में अपनी तरह की पहली प्रयोगशाला और निदान केंद्र है। इस प्रणाली का उपयोग बाल मूत्र रोगों के साथ साथ गैस्ट्रो-इंटेस्टाइनल रोगों के निदान और उपचार के लिए भी किया जा सकता है। इस प्रणाली का उपयोग मूत्र संबंधी समस्याओं के अलावा गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोगों के इलाज और निदान के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि गुदा-नाल और अन्नप्रणाली के दबाव को मापना। यह इलाज के लिए भी उपयोगी है और बीमारी से प्रभावित बच्चों में मूत्र और मल नियंत्रण में सुधार के लिए महत्वपूर्ण बायो-फीडबैक को स्क्रीन पर दशार्ता है। इससे बच्चे को निदान के दौरान करने वाली प्रक्रियाओं को करने में आसानी होती है। यूरोडायनामिक्स लैब में डॉक्टरों को यूरोडायनामिक परीक्षण करने के लिए आवश्यक मशीनरी मुहैया कराई जाएगी। इस पूरे सिस्टम को वीडियो-यूरोडायनामिक सिस्टम कहा जाता है। इस प्रणाली में मूत्राशय की गतिशीलता का अध्ययन करने के लिए उन्नत उपकरण लगे हैं और यह मूत्र संबंधी विसंगतियों और रोगों वाले बच्चों के प्रबंधन के लिए आवश्यक है। यह उपकरण मुख्य रूप से मूत्र संबंधी समस्याओं के साथ पैदा होने वाले बच्चों के इलाज में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। यह बीमारी समय पर इलाज न होने के कारण बाद में और भी जटिल समस्याओं का रूप ले लेती है। बाल चिकित्सा की सर्जिकल यूनिट में ज्यादातर यूरोलॉजिकल विसंगतियां वाले मामलों होते हैं। ऐसे में यह प्रणाली बीमारी का जल्द पता लगाने में मदद करेगी। व़क्त रहते इलाज मिल पाने से समस्या आगे नहीं बढ़ती। उम्र बढ्ने के बाद इन समस्याओं का इलाज जटिल होता जाता है और कई बार तो गुर्दे के प्रत्यारोपण की आवश्यकता भी पड़ जाती है। इस मशीन के आने से अब बच्चों के अंदर पनप रहे किसी भी प्रकार की मूत्राशय संबंधी समस्या का उपचार किया जा सकेगा। यह आधुनिक प्रयोगशाला इन मूत्राशय से संबंधित सभी असामान्य शरीर की क्रिया की वास्तविक समय की तस्वीर लेने में भी सक्षम है, जो सामान्य यूरोडायनामिक मशीनों के साथ संभव नहीं हैं। इससे बीमारी का पता लगाने और सटीकता में अत्यधिक सुधार होगा। चूंकि देश में ऐसे कुछ ही केंद्र जहां यह उपकरण हैं, इसलिए एलएनजेपी अस्पताल में इस लैब के बनने से आम लोगों को काफी फायदा होगा। यह उन्नत उपकरण निश्चित रूप से लोगों और यूरोलॉजी विभाग के लिए भी एक वरदान साबित होगा। जिससे प्रारंभिक अवस्था में यूरोलॉजिकल रोगों का पता लगाया जा सकेगा और अनुसंधान के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकेगा। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, हमने अस्पताल में एक यूरोडायनामिक वीडियो सिस्टम स्थापित किया है जिसका उपयोग 12 साल तक के बच्चों में मूत्र संबंधी विसंगतियों के निदान और उपचार के लिए किया जाता है। इससे डॉक्टरों को बच्चों में प्रारंभिक अवस्था में स्थितियों का पता लगाने में मदद मिलेगी जो गंभीर जटिलताओं को रोक सकती हैं। सत्येंद्र जैन ने कहा कि इस तरह की बीमारियों का शुरूआती चरण में निदान और उपचार न केवल एक मरीज के जीवन को बचाने में अहम भूमिका अदा करता है, बल्कि आगे चल कर आने वाले महंगे इलाज की प्रक्रियाओं से भी बचाता है। इलाज में देरी होने पर मरीज में कई गंभीर रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम