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देश की आर्थिक स्थिति बेहतर, समावेशी विकास को मिलेगी गति: सीतारमण

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश केंद्रीय बजट में आर्थिक वृद्धि पर ध्यान दिया गया है। बजट में जो प्रस्ताव लाए गए हैं, उससे राजकोषीय मजबूती और वृद्धि के साथ समावेशी विकास को भी गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक स्थिति अच्छी है।

वित्त मंत्री ने एक फरवरी को बजट पेश करने के बाद मुंबई में शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह बातें कहीं। सीतारमण ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए पेश बजट में मुख्य ध्यान आर्थिक वृद्धि पर केंद्रित किया गया है। अडाणी समूह के मामले में पूछे गए सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई पहले ही इसको लेकर जबाव दे चुका है। देश की एजेंसियां अपना काम बखूबी कर रही हैं। वहीं, अडाणी एंटरप्राइजेज के 20 हजार करोड़ रुपये के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को वापस लेने के फैसले से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसा हुआ है।

अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ से जुड़े सवालों पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी

वित्त मंत्री ने बजट के बाद की शंकाओं और सवालों के जवाब देने के अलावा अडाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ से जुड़े सवालों पर भी तीखी प्रतिक्रिया दी। सीतारमण ने बीमा क्षेत्र पर लिए गए फैसले के बारे में कहा कि सरकार ने इंश्योरेंस कवर के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाने का प्रयास किया है। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि सरकार को ये भी देखना है कि सिर्फ टैक्स बचाने के लिए लोग इंश्योरेंस को जरिया न बना लें। इसको रोकने के लिए 5 लाख रुपये से ज्यादा पर टैक्स की बात की गई है।

देश की अर्थव्यवस्था में तेजी से वृद्धि हो रहा है

सीतारमण ने कहा कि दो टैक्स सिस्टम के जरिए सरकार लोगों को ज्यादा एवं बढ़िया विकल्प दे रही है। लोगों को टैक्स बचाना है तो वो पुराने टैक्स सिस्टम को छोड़ सकते हैं और नए टैक्स सिस्टम में आ सकते हैं। उन्होंने वृद्धि सुनिश्चित करने का पूरा श्रेय देश की जनता को दिया। उन्होंने कहा कि देश को दूसरी सबसे तेज वृद्धि करने वाली अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कोरोना महामारी के बीच सरकार के लाए गए राहत और नीतिगत कदमों को लोगों ने तत्परता से स्वीकार किया है।

वित्त मंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इच्छा थी कि उच्च सार्वजनिक पूंजीगत व्यय को जारी रखा जाए। इसको देखते हुए उन्होंने 10 लाख करोड़ रुपये के उच्च परिव्यय का प्रस्ताव बजट में रखा है।