Corona Vaccine आने से पहले सरकार के सामने सवाल- सबसे पहले किन लोगों को दी जाए डोज?
Corona Vaccine आने से पहले सरकार के सामने सवाल- सबसे पहले किन लोगों को दी जाए डोज? 
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Corona Vaccine आने से पहले सरकार के सामने सवाल- सबसे पहले किन लोगों को दी जाए डोज?

Raftaar Desk - P2

देश में करीब 6 जगहों पर कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का क्लीनिक ट्रायल चल रहा है. इस बीच सरकार और पॉलिसी मेकर्स सक्रिय रूप से उन लोगों के ग्रुप की पहचान करने पर विचार-विमर्श कर रहे हैं, जिन्हें सबसे पहले Covid-19 वैक्सीन की डोज दी जाएगी. PTI न्यूज एजेंसी के मुताबिक, डोज दी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में स्पेशल ड्यूटी (OSD) के अधिकारी राजेश भूषण ने कहा कि इस वक्त सरकार के भीतर और बाहर दोनों तरफ सबसे पहले किन लोगों को वैक्सीन की जाएगी, यही चर्चा का विषय है. क्या सबसे पहले फ्रंटलाइन वर्कर्स? अधिकारी के मुताबिक, “एक उभरती हुई आम सहमति है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स वे लोग हैं, जिन्हें वैक्सीन बन जाने पर सबसे पहली डोज दी जानी चाहिए, लेकिन इस पर भी कई सवाल हैं, कि अगर इनको पहली डोज दी जाएगी तो इनके बाद किसका नंबर होगा? इसलिए ये अभी तय नहीं किया गया है.” बुजुर्ग या गरीब-कुपोषित लोग? उन्होंने कहा कि विचार-विमर्श इस बात पर है कि क्या पहले बुजुर्ग लोगों को यह दवा दी जाए या फिर उन लोगों को जो संक्रमण के साथ-साथ कई दूसरी बीमारियों से भी पीड़ित. फिर यह भी सोचा जा रहा है कि क्यों न उन गरीब और कुपोषण का शिकार हुए लोगों को यह दवा सबसे पहले दी जानी चाहिए, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है. इन सभी सवालों ने सरकार और पॉलिसी मेकर्स को उलझा कर रखा है. नीति आयोग भी इस पर कर रहा विचार नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य वीके पॉल जो Covid-19 नेशनल टास्कफोर्स का हिस्सा भी हैं, ने कहा कि पॉलिसी मेकर्स इस बात पर विचार कर रहे हैं कि जब कोरोना की वैक्सीन बन जाएगी, तो वो किस ग्रुप के लोगों को सबसे पहले दी जाए. 72 घंटों के अंदर क्लोज कांटेक्ट हो रहे ट्रैक वहीं राजेश भूषण ने कहा कि कोरोनावायरस के 80 प्रतिशत नए मामलों में मामले सामने आने के पहले 72 घंटों के अंदर क्लोज कांटेक्ट को ट्रैक किया जा सकता है और दिल्ली सरकार ने भारत सरकार के सहयोग से ये करके दिखाया है. भारत में अब तक 10 लाख से ज्यादा मरीज ठीक भूषण ने बताया कि भारत में अब तक 10 लाख से ज्यादा मरीज कोरोनावायरस (Coronavirus) से ठीक हो चुके हैं और ये अपने आप में एक बहुत बड़ी उपलब्धि है. ये दिखाता है कि हमारे डॉक्टर, नर्स और फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स ने बहुत परिश्रम और निष्ठा से काम किया है.-newsindialive.in