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अरुणाचल के किमीन को असम का हिस्सा बताने पर विवाद बढ़ा

Raftaar Desk - P2

- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 17 जून को यहां किया था बीआरओ की 12 सड़कों का उद्घाटन इटानगर, 19 जून (हि.स)। अरुणाचल प्रदेश के पापुम पारे जिला के किमीन क्षेत्र को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा असम का हिस्सा बताने का विरोध शुरू हो गया है। अखिल किमीन युवा कल्याण संघ और किमीन क्षेत्र पंचायत के अधिकांश स्थानीय नागरिकों ने शनिवार को किमीन में विरोध प्रदर्शन करके बीआरओ के विरूद्ध नाराजगी जताई। विरोध प्रदर्शन करने वालों ने हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर कर नारेबाजी करते हुए सड़क पर वाहनों का टायर जलाकर अपनी नाराजगी व्यक्त की। इन लोगों ने इलाके से बीआरओ को बाहर निकाले जाने की मांग भी की। दरअसल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 17 जून को अरुणाचल प्रदेश के पापुम पारे जिला किमीन का दौरा करते हुए किमीन से पॉटिन को जोड़ने वाली सड़क के साथ अन्य 11 सड़कों का उद्घाटन किया था। उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान बीआरओ ने किमीन को असम के बिलघर का हिस्सा बताया था। इसको लेकर स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी है। अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच लंबे समय से सीमा विवाद चल रहा है। ऐसे में एक सरकारी संस्था की टिप्पणी से लोग भड़क गये हैं। अखिल किमीन युवा कल्याण संघ के अध्यक्ष गिडा काकुम ने कहा है कि इस कार्यक्रम के बारे में किमीन जिला प्रशासन, पुलिस और स्थानीय लोगों को भी बताया नहीं गया था। किसी तरह से 16 जून की शाम को पता चला कि जिस सड़क (किमीन से पॉटिन) का उद्घाटन किया जा रहा है उस क्षेत्र को बीआरओ ने असम का हिस्सा बताया है। स्थानीय लोगों ने 17 जून को ही विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनायी थी लेकिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सम्मान करते हुए अपनी योजना को टाल दिया। अंततः शनिवार से स्थानीय लोगों ने अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया है। विरोध जताने वाले लोगों का कहना है कि हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक बीआरओ किमीन से असम के बिलघर नहीं चला जाता। लोगों ने कहा कि बीआरओ ने जिस स्थान पर अपना कार्यालय बनाया है, वह भूमि भी हमारे पूर्वजों ने मुफ्त में दी थी। लोगों ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि बीआरओ जानबूझ कर किमीन को असम का हिस्सा बताने की कोशिश कर रहा है, जिसको हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे। काकुम ने कहा कि किमीन से पॉटिन तक 20 किमी. सड़क का निर्माण आज तक बीआरओ पूरा नहीं कर पाया है। कई पुल और नालों का निर्माण करना अभी भी शेष है। लोगों की नाराजगी इस बात को लेकर भी है कि राजनाथ सिंह ने भी अपने बयान में किमीन को असम का हिस्सा करार दिया था। हिन्दुस्थान समाचार/तागू/अरविंद/सुनीत