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देश

सीआरपीएफ को घेरने वाले ममता के बयान पर आयोग खफा, रिपोर्ट तलब

Raftaar Desk - P2

कोलकाता, 08 अप्रैल (हि.स.)। चुनाव के दौरान सीआरपीएफ के जवानों को घेरने वाले ममता बनर्जी के बयान पर चुनाव आयोग ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। भाजपा की आपत्ति के बाद अब इस मामले में चुनाव आयोग ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की है। दरअसल, मुख्यमंत्री ममता के बयान के बाद भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में इसे संविधान विरोधी करार देते हुए कार्रवाई की मांग की थी। भाजपा की आपत्ति के बाद चुनाव आयोग ने जिला प्रशासन से पूरे मामले को लेकर रिपोर्ट मांगी है। दूसरी ओर, केंद्रीय राज्य मंत्री और टाॅलीगंज से भाजपा के उम्मीदवार बाबुल सुप्रियो ने भी चुनाव आयोग से चुनाव प्रचार के दौरान ममता बनर्जी के भाषण पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। बाबुल सुप्रियो ने कहा कि अति कटु और सांप्रदायिक भाषणों और बंगाल के राजनीतिक विमर्श को अब तक के निम्नतम स्तर पर ले जाने की वजह से ममता बनर्जी को चुनाव प्रचार करने से रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सीएम होने के बावजूद ममता बनर्जी जिस तरह की टिप्पणियां कर रही हैं, वह शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि हर किसी को निजी हमले करने से बचना चाहिए। राजनीति में लोगों को विचारधारा और नीतियों के मुद्दे पर लड़ना चाहिए, लेकिन विरोधियों को दुश्मन मानना, इस तरह का बदलाव ममता बनर्जी ने बंगाल की राजनीति को दिया गया उपहार है। इसे बदलना होगा और भाजपा इसे बदलेगी। उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने बुधवार को कूचबिहार की सभा में आरामबाग में उम्मीदवारों पर हमला करने पर कहा था कि 'मैं अपनी मां और बहनों से कह रही हूं कि बाहर से कोई आए और परेशानी पैदा करे और यदि सीआरपीएफ आपके लिए परेशानी का कारण बनती है, तो उसे घेर लो।' उन्होंने कहा था कि एक समूह सीआरपीएफ को घेर लेगा और दूसरा समूह वोट देने जाएगा। अगर आप सिर्फ घेराबंदी रखते हैं, तो वोट चला जाएगा। यह भाजपा की चाल है। स्थिति को समझते हुए घेराबंदी इस तरह से की जानी चाहिए कि पांच लोग घेरेंगे, तो पांच लोग वोट देंगे।” हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश