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जलवायु परिवर्तन से भारत, पाकिस्तान में समय से पहले विनाशकारी गर्मी की 30 गुना अधिक संभावना

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 24 मई (आईएएनएस)। उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान में हाल की गर्मी की लहर पर विशेष रूप से नजर रखने वाले और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को मापने वाले एक एट्रिब्यूशन अध्ययन में सोमवार को कहा गया कि लंबे समय तक लू चलने की संभावना 30 गुना अधिक है। प्रमुख जलवायु वैज्ञानिकों की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, भारत और पाकिस्तान में लंबे समय से चल रही हीटवेव, जिसने व्यापक मानव पीड़ा और वैश्विक गेहूं की आपूर्ति को प्रभावित किया है, मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के कारण होने की संभावना लगभग 30 गुना अधिक थी। भारत, पाकिस्तान, नीदरलैंड, फ्रांस, स्विटजरलैंड, न्यूजीलैंड, डेनमार्क, यूएसए और यूके के वैज्ञानिकों ने यह आकलन करने के लिए सहयोग किया कि मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन ने इस एट्रिब्यूशन अध्ययन में हीटवेव की संभावना और तीव्रता को किस हद तक बदल दिया। यूके मेट ऑफिस ने बदले में, भारत और पाकिस्तान में अप्रैल/मई के तापमान के 2010 के रिकॉर्ड को तोड़ने की संभावना जताई है। दक्षिण एशिया के बड़े हिस्से - विशेष रूप से उत्तर-पश्चिम भारत और दक्षिण-पूर्वी पाकिस्तान ने मार्च की शुरुआत में असामान्य रूप से शुरुआती और लंबे समय तक चलने वाले हीटवेव का अनुभव किया था। 122 साल पहले रिकॉर्ड कीपिंग शुरू होने के बाद से मार्च भारत में सबसे गर्म था, साथ ही पाकिस्तान में भी रिकॉर्ड तापमान देखा गया। --आईएएनएस एसजीके