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छत्तीसगढ़ : रेमेडेसिविर, टोसीलिजुमाब एवं प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग केवल अस्पतालों में ही

Raftaar Desk - P2

रायपुर, 03 मई (हि.स.)। नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के निर्देशों के मुताबिक छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए नया प्रोटोकाल जारी किया है। इसमें कहा गया है कि रेमेडेसिविर, टोसीलिजुमाब और प्लाज्मा थेरेपी का उपयोग केवल अस्पतालों में ही किया जाए। इन दवाओं को लिखने वाले डॉक्टर की यह जिम्मेदारी होगी कि वह इन दवाओं के संबंध में मरीज की आवश्यकता का आकलन कर लें और यह सुनिश्चित कर लें कि मरीज को अन्य कोई बीमारी जैसे किडनी रोग, ह्दय रोग, कैंसर आदि तो नहीं। यह दवाएं अभी एक्सपेरिमेंटल दवाएं हैं। इन दवाओं को किसी भी मरीज को देने से पहले मरीज के परिजन की सहमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रोटोकाल के मुताबिक मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायपुर पांच अलग-अलग दल बनाएगें, जो निजी अस्पतालों का भ्रमण कर यह सुनिश्चित करेगा कि पोर्टल पर बेड उपलब्धता की जानकारी अपडेट रहे एवं बेड उपलब्ध होने की स्थिति में किसी भी मरीज को भर्ती होने से वंचित न होना पड़े। यह भ्रमण दल अस्पतालों में मरीजों से मिलकर यह भी जानने का प्रयास करेगा कि अस्पताल द्वारा मरीजों को भर्ती करने से वंचित तो नहीं किया जा रहा। यदि कोई अस्पताल मरीज को बेड उपलब्ध होने के बावजूद भर्ती करने से इन्कार करता है तो ऐसी स्थिति में ऐसे अस्पतालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी। हिन्दुस्थान समाचार/ केशव शर्मा