उप्र : कैबिनेट मंत्री कमल रानी की कोरोना से मौत, मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या दौरा रद्द किया
उप्र : कैबिनेट मंत्री कमल रानी की कोरोना से मौत, मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या दौरा रद्द किया  
देश

उप्र : कैबिनेट मंत्री कमल रानी की कोरोना से मौत, मुख्यमंत्री योगी ने अयोध्या दौरा रद्द किया

Raftaar Desk - P2

-उप्र: कैबिनेट मंत्री कमल रानी की निधन पर सीएम योगी,विस अध्यक्ष, दोनों उपमुख्यमंत्रियों समेत कई नेताओं ने जताया शोक लखनऊ, 02 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण की कोरोना संक्रमण से रविवार को मौत के बाद विभिन्न नेताओं की ओर से इस पर गहरा शोक व्यक्त किया गया है। कैबिनेट मंत्री के निधन की खबर आते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले से निर्धारित आज अपना अयोध्या जाने का दौरा रद्द कर दिया। मुख्यमंत्री आज राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने के लिए अयोध्या जाने वाले थे। मुख्यमंत्री ने उनके निधन पर शोक जताते हुए जताते हुए संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि विगत कई दिनों से कमल रानी का एसजीपीजीआई में इलाज चल रहा था। आज सुबह उनका दु:खद निधन हुआ है। वह लोकप्रिय जननेता के साथ वरिष्ठ समाजसेवी थीं। 11वीं व 12वीं लोकसभा की सदस्य थीं और कानपुर की घाटमपुर से निर्वाचित होकर विधानसभा सदस्य चुनी गई थी। विगत वर्ष प्रदेश के मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें शमिल किया गया था। उन्होंने कुशलतापूवर्क कार्य किया। उनका दिवंगत होना समाज, सरकार और पार्टी की क्षति है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि व्यक्त करता हूं। उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री व पूर्व सांसद कमल रानी वरुण के असामयिक निधन अपूरणीय क्षति है। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति अपने संवेदना व्यक्त की। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कैबिनेट मंत्री, कमल रानी वरुण के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उनका निधन समाज व पार्टी के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। ईश्वर उनके परिवार को संबल प्रदान करे। उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि कमल रानी वरुण के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उनका निधन समाज व पार्टी के लिए एक अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें व परिजनों को इस दुःख को सहने की क्षमता प्रदान करें। इसके साथ ही प्रदेश सरकार के कई मंत्रियों व नेताओं ने कमल रानी वरुण के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि कैबिनेट मंत्री कमलरानी 'वरुण' के आकस्मिक निधन की सूचना हृदय विदारक है। सतत परिश्रम से उन्होंने राजनीति में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई थी। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करे और उनके परिजनों को इस वज्राघात सहने की शक्ति प्रदान करे। पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल ने भी उनके आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताते हुए अपनी श्रद्धांजलि दी है। कमलरानी वरुण को 18 जुलाई को सिविल अस्पताल में उनके कोरोना नमूने की जांच की गई थी, जिसमें उनमें संक्रमण की पुष्टि हुई थी। उनकी बेटी भी कोरोना पॉजिटिव पायी गई थी, जो बाद में ठीक हो गयी। मंत्री का इलाज लखनऊ के एसजीपीजीआई में चल रहा था। कोरोना के अलावा उन्हें रक्तचाप और मधुमेह की भी समस्या थी। फेफड़े में गंभीर संक्रमण होने की वजह से उनकी मौत हो गई। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित अग्रवाल ने बताया कि उन्हें सीवियर कोविड-19 निमोनिया हो गया था। इस वजह से वह एक्यूट रेस्पिरेट्री डिस्ट्रेस सिंड्रोम में चली गई थी। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का भरसक प्रयास किया। लेकिन, उन्हें बचाया नहीं जा सका। कोरोना के लिए निर्धारित रेमडेसिविर समेत अन्य निर्धारित दवाएं उन्हें लगातार दी जा रही थी। लेकिन, सुधार नहीं हो रहा था। उन्हें पहले से ही डायबिटीज, हाइपरटेंशन व थायराइड से जुड़ी समस्या थी। उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था। शनिवार की शाम तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें बड़े वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। रविवार को सुबह उनका निधन हो गया। कमलरानी वरुण को वर्ष 1989 में भाजपा ने द्वारिकापुरी वार्ड से कानपुर पार्षद का टिकट दिया। चुनाव जीत कर नगर निगम पहुंची कमलरानी 1995 में दोबारा उसी वार्ड से पार्षद निर्वाचित हुईं। पार्टी ने 1996 में उन्हें घाटमपुर (सुरक्षित) संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा। जीत हासिल कर लोकसभा पहुंची कमलरानी ने 1998 में भी उसी सीट से दोबारा जीत दर्ज की। वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्हें सिर्फ 585 मतों से उन्हें हार का सामना करना पड़ा। सांसद रहते अपने कार्यों से वह जनता के बीच बेहद लोकप्रिय बनी रहीं। उनके निधन से पार्टी नेता बेहद हतप्रभ हैं। कमल रानी वरुण का पार्थिव शरीर लखनऊ से सीधे कानपुर जाएगा। वहां पर कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/संजय/राजेश-hindusthansamachar.in