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बिम्सटेक की पांचवी शिखरवार्ता कोलंबों में, संगठित अपराध के खिलाफ होगा समझौता

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 01 अप्रैल (हि.स.)। बंगाल की खाड़ी के आसपास के सात देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग संबंधी संगठन ‘बिम्सटेक’ के कोलंबो (श्रीलंका) में आयोजित होने वाले आगामी शिखर सम्मेलन में आतंकवाद और संगठित अपराधों पर रोकथाम के लिए महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर होंगे। भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड देशों की सहभागिता वाले इस संगठन की स्थापना वर्ष 1997 में हुई थी। यह वर्ष संगठन का रजत जयंती वर्ष भी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को बिम्सटेक के विदेश मंत्रियों की 17वीं बैठक को वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए संबोधित किया। उन्होंने कहा कि विकास और समृद्धि के साथ शांति और सुरक्षा अभिन्न रूप से जुड़ी है। हमें परंपरागत और गैर-परंपरागत सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, बहुराष्ट्रीय संगठित अपराध और मादक पदार्थों की तस्करी का मुकाबला करने के लिए बिम्सटेक समझौता पिछले महीने अमल में आ गया है। इसी तर्ज पर आपराधिक मामलों में आपसी कानूनी सहयोग को सुनिश्ति करने के लिए एक समझौते पर कोलंबो में आयोजित होने वाली पांचवीं बिम्सटेक शिखरवार्ता में समझौता होगा। इसके जरिए संगठित अपराध का मुकाबला करने के लिए एक ठोस आधार तैयार होगा। जयशंकर ने पिछले 25 वर्षों के दौरान बिम्सटेक देशों के बीच सहयोग का ब्योरा देते हुए कहा कि इस क्षेत्र में संपर्क सुविधाओं का विस्तार करने के लिए बिम्सटेक तटीय नौवहन समझौता और मोटरयान समझौते को यथाशीघ्र अंतिम रूप दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सुगम सम्पर्क सुविधा इस क्षेत्र के आर्थिक एकीकरण के लिए बहुत आवश्यक है ताकि एक देश से दूसरे देश में लोगों व माल की आवाजाही हो सके। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि परिवहन संपर्क सुविधा के मास्टर प्लान को अंतिम रूप दे दिया गया है तथा इसे आगामी शिखरवार्ता में अंगीकार किया जाएगा। यह इस क्षेत्र के एकीकरण की दिशा में बड़ा कदम होगा। जयशंकर ने कोरोना महामारी के कारण इस क्षेत्र में पर्यटन को पहुंचे नुकसान की चर्चा करते हुए कहा कि जैसे ही स्थिति सामान्य होगी पर्यटन सुविधाओं में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि भारत इस वर्ष के उत्तरार्ध में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन करेगा। इसमें बिम्सटेक देशों को सम्मानित अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा। विदेश मंत्री ने कहा कि बिम्सटेक संगठन दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रतिनिधित्व करता है। भारत की विदेश नीति में इस संगठन का बहुत महत्व है। पिछले वर्षों के दौरान संगठन ने एक महत्वपूर्ण उप क्षेत्रीय गुट का रूप ले लिया है जिसका रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्व है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में तेजी से आर्थिक प्रगती हो रही है, साथ ही सदस्य देशों के बीच राजनीतिक और आर्थिक सहयोग में भी बढ़ोत्तरी हो रही है। बिम्सटेक संगठन के सचिवालय और अन्य संबंधित केन्द्रों की स्थापना के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। विदेश मंत्रियों की इस बैठक का आयोजन श्रीलंका ने किया तथा वहां के विदेश मंत्री दिनेश गुणावर्धने ने इसकी अध्यक्षता की। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप