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चिंतित नहीं सतर्क रहें और महामारी से लड़ने के लिए मन को मजबूत करें : मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 11 मई (हि.स.)। दिगम्बर जैन मुनिश्री प्रमाण सागर ने मंगलवार को कहा कि महामारी के कालखंड में हमें चिंतित रहने की बजाए सतर्क रहना चाहिए और इससे निपटने के लिए अपने मन को मजबूत करना चाहिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहल पर 11 से 15 मई के बीच कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान सकारात्मक संदेश देने के लिए एक व्याख्यान श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को दिगंबर जैन मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज ने अपना वीडियो संदेश दिया। ‘पॉजिटिविटी अनलिमिटेड : हम जीतेंगे’ व्याख्यान श्रृंखला का समन्वय दिल्ली कोविड रिस्पांस टीम के संयोजक लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने किया। मुनिश्री ने कहा कि तन की बीमारी का इलाज है लेकिन मन की बीमारी का इलाज नहीं है। हमें ध्यान रखना चाहिए की बीमारी तन को होती है मन को नहीं। ऐसे प्रमाण हैं जहां मजबूत मन वाले व्यक्तियों ने गंभीर स्थिति में भी कोरोना महामारी को हराया है। हमें इस समय मजबूत रहना चाहिए और संक्रमित होने पर सोचना चाहिए कि हम ठीक हो जायेंगे। जीवन के आध्यात्मिक पहलु को सामने रखते हुए मुनिश्री प्रमाण सागर ने कहा कि जन्म और मृत्यु दोनों ही शरीर की होती हैं। आत्मा इससे परे है। स्वस्थ व्यक्ति की भी समय आने पर मृत्यु हो जाती है और जिसका समय नहीं आया है वह वेंटिलेटर पर भी कई दिन रहने के बाद ठीक हो जाता है। इसलिए हमें किसी भी स्थिति में घबराना नहीं चाहिए। इतिहास का उदाहरण देते हुए मुनिश्री ने लोगों को कर्तव्य परायण बने रहने की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि यह समय हमें दूसरों की हर संभव सहायता करने पर केंद्रित करना चाहिए। महामारी पहले भी आई हैं लेकिन उससे मानवता का अंत नहीं हुआ है। हिन्दुस्थान समाचार/अनूप