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देश

असम चुनावः जमीन पर बैठकर चाय श्रमिकों के साथ राहुल गांधी ने किया भोजन

Raftaar Desk - P2

डिब्रूगढ़, 19 मार्च (हि.स.)। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को अपने असम दौरे के दौरान अपनी बहन प्रियंका गांधी की तरह चाय बागान में पहुंचकर चाय श्रमिकों से बातचीत की और उनके साथ भोजन कर आत्मीयता प्रकट करने की कोशिश की। चाय बागानों में कांग्रेस के बड़े नेताओं की लगातार मौजूदगी इस बात को प्रमाणित करती है कि कांग्रेस के लिए चाय बागान का वोट कितना महत्वपूर्ण है। शुक्रवार को राहुल गांधी अंग्रेजों के शासनकाल के दौरान चाबुआ में स्थापित पहले चाय बागान में श्रमिकों के साथ भोजन किया तो। उनके साथ कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे। राहुल गांधी असम में दो दिवसीय चुनाव प्रचार के मद्देनजर शुक्रवार को यहां पहुंचे हैं। भोजन करने के पश्चात उन्होंने चाय श्रमिकों के साथ जमीन पर बैठकर काफी समय तक चर्चा भी की। चाबुआ के कांग्रेसी उम्मीदवार अजय फूकन के समर्थन में उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया। उसके बाद राहुल गांधी तिनसुकिया जिला के दुमदुमा के लिए रवाना हो गए। राहुल गांधी ने असम दौरे के दौरान ट्वीट कर कोरोना कॉल में लगाये गये लॉकडाउन की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि लॉकडाउन के चलते लाखों गरीब, श्रमिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। उल्लेखनीय है कि एक दौर में असम में कांग्रेस की सत्ता का मुख्य आधार अली, कुली, बंगाली को माना जाता था। अली यानी अल्पसंख्यक जो कांग्रेस से छिटक्कर एआईयूडीएफ के साथ चले गये हैं। बंगाली और कुली यानी चाय बागान के मतदाताओं को भाजपा 2016 में अपने साथ जोड़ने में सफल हो गई थी। यही वजह थी कि 2016 में लगातार तीन कार्यकाल से सत्ता पर काबिज रही कांग्रेस की करारी हार हो गई। इस बात को समझते हुए कांग्रेस फिर से अपने पुराने वोट बैंक कुली की ओर रुख कर रही है जबकि अली के वोट बैंक के लिए एआईयूडीएफ के साथ समझौता कर लिया है। हिन्दुस्थान समाचार/ अरविंद