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देश

उपकरणों को तेजी से जुटाने के लिए सेना को मिला कॉरिडोर

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में चीन के साथ बर्बर सैन्य संघर्ष के एक साल पूरे होने पर भारतीय सेना को टैंकों, बड़ी तोपों और अन्य सैन्य उपकरणों को तेजी से जुटाने के लिए एक समर्पित फ्रेट कॉरिडोर मिल गया है। सेना ने कहा, भारतीय सेना ने सोमवार को वाहनों और उपकरणों से भरी एक सैन्य ट्रेन को न्यू रेवाड़ी से न्यू फुलेरा तक ले जाकर एक सफल टेस्ट किया। ये ट्रायल सशस्त्र बलों की संचालनात्मक तैयारी को बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए इस प्रक्रिया में पहला कदम है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (डीएफसीसीआईएल) और भारतीय रेलवे के साथ भारतीय सेना द्वारा जटिल और सशस्त्र बलों की लामबंदी क्षमता को बढ़ाएगा। बल ने कहा, ये ट्रायल राष्ट्रीय संसाधनों के अनुकूल और विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के बीच सहज तालमेल हासिल करने के लिए राष्ट्र ²ष्टिकोण का हिस्सा था। डीएफसीसीआईएल और भारतीय रेलवे सहित सभी हितधारकों के साथ भारतीय सेना की बातचीत अब डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और संबद्ध बुनियादी ढांचे को सशस्त्र बलों के मोबिलाइजेशन मैट्रिक्स में लाभ उठाने में सहायता करेगी। रोल ऑन-रोल ऑफ (आरओ-आरओ) सेवा पर रक्षा के स्वामित्व वाले रोलिंग स्टॉक के लिए मोबिलाइजेशन और ट्रायल का समर्थन करने के लिए कुछ स्थानों पर बुनियादी ढांचे का विकास औपचारिक रूप दिया जा रहा है और तौर-तरीके विकसित किए जा रहे हैं। जवान ने कहा, यह पहल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रियाओं को स्थापित करेगी कि योजना स्तर पर ही राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के विकास में सैन्य आवश्यकताओं को जोड़ा जाए। मई 2020 के बाद से जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध शुरू हुआ, भारतीय सेना ने सैनिकों और उपकरणों को तेजी से जुटाने के लिए सड़क और परिवहन बुनियादी ढांचे में सुधार करना शुरू कर दिया। --आईएएनएस एचके/एएनएम