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एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति की मांग, डीयू में शिक्षकों की ऑनलाइन हड़ताल

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के आह्वान पर डीयू के शिक्षकों ने गुरुवार को एकदिवसीय ऑनलाइन हड़ताल की। यह हड़ताल विवेकानंद कॉलेज के 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षक संगठनों ने घरों में रहकर सुबह 10 बजे से ऑनलाइन हड़ताल के जरिये अपना विरोध प्रकट किया । एक दिवसीय हड़ताल के दौरान गुरुवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने ऑनलाइन क्लासेज नहीं ली। ऑन लाइन हड़ताल का असर उत्तरी परिसर व दक्षिणी परिसर में ज्यादा देखने को मिला जहां शिक्षकों ने क्लासेज न लेकर शिक्षक हड़ताल को पूरी तरह से सफल बनाया। शिक्षकों ने सुबह से ही विवेकानंद कॉलेज के 12 एडहॉक शिक्षकों की पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर सोशल मीडिया पर हड़ताल संबंधी अपने छायाचित्र डालने शुरू कर दिए। हड़ताल का नेतृत्व डूटा अध्यक्ष राजीब रे ने किया। इनके अलावा डीटीए प्रभारी डॉ. हंसराज सुमन, पूर्व डूटा अध्यक्ष डॉ. आदित्य मिश्रा, डॉ. नरेंद्र पाण्डेय, विद्वत परिषद सदस्य सुनील कुमार ने भी हड़ताल में भाग लिया। डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में यह दूसरा अवसर है जब एडहॉक टीचर्स ने अपनी एकता का परिचय देते हुए अपनी ऑनलाइन क्लासेज नहीं ली। जिस तरह से 4 दिसंबर 2019 को वाइस चांसलर ऑफिस पर हजारों शिक्षक एकत्रित हुए थे उसी प्रकार से उन्होंने बृहस्पतिवार को डूटा के एक दिवसीय ऑनलाइन हड़ताल को पूरी तरह से सफल बनाया है। एडहॉक टीचर्स ने जिस तरह से एकजुटता दर्शाया है, उससे लगता है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल के प्रति कोई कठोर कदम अवश्य उठाएगा। शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन ( डीटीए ) के प्रभारी डॉ. हंसराज सुमन ने बताया है कि विवेकानंद कॉलेज की प्रिंसिपल द्वारा कोरोना काल में 30 अप्रैल को विभिन्न विभागों में कार्यरत्त 12 एडहॉक टीचर्स की सर्विस टर्मिनेट कर दी। 29 अप्रैल तक इन एडहॉक टीचर्स का कार्यकाल था ,30 अप्रैल को इन्हें पुनर्नियुक्ति दी जानी थी जिसे प्रिंसिपल ने नहीं दी। उन्होंने बताया है कि 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति की मांग को लेकर वे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग में गए जहां आयोग ने इन शिक्षकों को हटाने संबंधी कारण पूछा था और एक सप्ताह में जवाब देने को कहा गया। कॉलेज प्रिंसिपल ने ओबीसी आरक्षण को नकारते हुए आयोग को ईडब्ल्यूएस आरक्षण से रोस्टर में हुए बदलाव व विभिन्न विभागों में वर्कलोड समाप्त होने की बात कही। उनका कहना है कि प्रिंसिपल द्वारा दिए गया जवाब के उत्तर में संगठन ने आयोग को अपना रिज्वाइंडर जमा कर दिया है। डॉ. सुमन ने बताया है 12 एडहॉक टीचर्स की पुनर्नियुक्ति को लेकर कॉलेज की गवनिर्ंग बॉडी के चेयरमैन ने ऑन लाइन आपात बैठक बुलाई। गवनिर्ंग बॉडी की इस ऑन लाइन मीटिंग में प्रिंसिपल को छोड़कर सभी सदस्यों ने 12 एडहॉक टीचर्स को 30 अप्रैल से पुनर्नियुक्ति दिए जाने का समर्थन किया। कहा गया कि जब तक कॉलेज में स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं हो जाती किसी भी एडहॉक टीचर्स को उसके पद से नहीं हटाया जाए। हालांकि प्रिंसिपल ने आज तक उन 12 एडहॉक टीचर्स को रिज्वाईनिंग नहीं दी। उन्होंने बताया है कि इन 12 एडहॉक टीचर्स में 5 एडहॉक टीचर्स को कोरोना ने पूरी तरह से अपनी चपेट में लिया हुआ है। कोरोना से पीड़ित टीचर्स की हालात बहुत ही खराब है। परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। वहीं दूसरी ओर उनकी सर्विस टर्मिनेट कर दी गई। ऐसे समय में जबकि परिवार को आर्थिक सहायता की बहुत जरूरत है। --आईएएनएस जीसीबी/एएनएम