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तमिलनाडु पक्षी जनगणना के पहले चरण में 80 प्रजातियों की पहचान की गई

Raftaar Desk - P2

चेन्नई, 30 जनवरी (आईएएनएस)। तमिलनाडु में समकालिक पक्षी गणना के पहले चरण के दौरान 80 विभिन्न प्रजातियों के लगभग दस लाख पक्षियों की पहचान की गई है। 28 और 29 जनवरी को प्वाइंट कैलिमेरे, वेलिनोक्कम, धनुषकोडी, थूथुकुडी और कन्याकुमारी में की गई जनगणना में बड़ी संख्या में पक्षियों की कई प्रजातियों का पता चला, जिनमें राजहंस की प्रमुख उपस्थिति थी। प्वाइंट कैलिमेरे, वालिनोकम (10,000), धनुषकोडी (2,000), थूथुकुडी (2,000) और कन्याकुमारी (600) से 20,000 से अधिक राजहंस का पता चला है। वन अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि 2020 और 2021 में राज्य में हुई भारी बारिश के कारण बड़ी संख्या में पक्षियों की उपस्थिति है। प्वाइंट कैलिमेरे, पिचवरम, कालीवेली झील, थूथुकुडी, रामनाथपुरम और अडयार क्रीक में यूरेशियन कर्लेव, व्हिम्ब्रेल और रूडी टर्नस्टोन में कई असामान्य प्रजातियों का पता चला है। वन्यजीव अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, मार्श सैंडपाइपर्स, लेसर सैंड प्लोवर, रेडशैंक्स, ग्रेट नॉट्स, स्पॉटेड रेडशैंक्स जैसी सामान्य प्रजातियां भी इन बिंदुओं पर बड़ी संख्या में पाई गईं है। दो दिवसीय समकालिक जनगणना के दौरान दुनिया के सबसे लंबे नॉन-स्टॉप उड़ने वाले पक्षी, बार-टेल्ड गॉडविट और सुर्ख टर्नस्टोन, और सबसे अधिक उड़ने वाले पक्षी, बार-हेडेड गीज, बड़ी संख्या में पाए गए है। अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी पिंटेल, उत्तरी शॉवेलर्स, यूरेशियन विजोन और गार्गनी सहित प्रमुख बतख मण्डली भी देखी गईं। तमिलनाडु वन विभाग द्वारा बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और सलीम अली सेंटर फॉर ऑर्निथोलॉजी एंड नेचुरल हिस्ट्री के सहयोग से पक्षी जनगणना का आयोजन किया गया था। वन्यजीव विभाग ने कहा कि 45 नागरिक समाज समूहों, गैर सरकारी संगठनों और दस कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने जनगणना में भाग लिया था। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस