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हिमाचल में 4,669 हेक्टेयर खेत सोलर फेंसिंग के जरिये ढके

Raftaar Desk - P2

शिमला, 5 दिसम्बर (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश सरकार जंगली जानवरों द्वारा खराब की जा रहीं फसलों को रोकने के लिए मुख्यमंत्री कृषि संरक्षण योजना लागू कर रही है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इस योजना के तहत 4,669.20 हेक्टेयर में सौर ऊर्जा फेंसिंग लगाकर सुरक्षित किया गया है। इस योजना के तहत लगभग 175.38 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं, जिससे 5,535 किसान लाभान्वित हुए हैं। सरकार के अनुसार, कई क्षेत्रों में फसल आवारा और जंगली जानवरों से प्रभावित हुई है। इस योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को सौर ऊर्जा लगाने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है। व्यक्तिगत स्तर पर सौर ऊर्जा लगाने के लिए 80 प्रतिशत और सामुदायिक स्तर पर 85 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान है। सौर ऊर्जा से चलने वाली फेंसिंग बंदरों को भी दूर रखने में मदद करती है। राज्य सरकार ने मांग के अनुरूप कंटीले तारों और चेन लिंक फेंसिंग पर 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ कंपोजिट फेंसिंग पर 70 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया है। अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि पिछले कुछ वर्षो में इस योजना के लाभार्थियों में वृद्धि दर्ज की गई है। सोलर फेंसिंग के साथ कंटीले तारों को लगाना फसल की सुरक्षा में लाभकारी सिद्ध हुआ है। राज्य भर में बंदरों के खतरे ने हाल के वर्षो में सैकड़ों करोड़ रुपये की फसल का नुकसान किया है। हिमाचल प्रदेश ने जंगली जानवरों की नौ प्रजातियों को फसल में नुकसान पहुंचाने वाले जानवर घोषित किए हैं। बंदर के अलावा, जंगली सुअर, नीला बैल, साही, सियार, चीतल, सांभर, खरगोश और तोता हैं। ये सभी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित हैं। राज्य की अर्थव्यवस्था में कृषि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिसमें 90 प्रतिशत लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और 70 प्रतिशत सीधे खेती पर निर्भर हैं। --आईएएनएस एचएमए/आरजेएस