नई दिल्ली, 19 जून (हि.स.)। सरकार ने देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) में विनिवेश की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को प्रस्तावित आरंभिक सार्वजनिक निगम (आईपीओ) में सलाह देने के लिए परामर्श कंपनियों, निवेश बैंकरों और वित्तीय संस्थानों से 13 जुलाई तक आवेदन मांगा है। बता दें कि वित्त मंत्री ने बजट में एलआईसी में विनिवेश की बात कही थी। सरकार इस आईपीओ के लिए निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) की मदद के लिए दो सलाहकार नियुक्त करना चाहती है। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी किया है। इच्छुक फर्में 13 जुलाई तक अपनी बोलियां जमा कर सकती हैं, जो 14 जुलाई को दीपम द्वारा खोली जाएंगी। वह लेनदेन के ढ़ाचे, निवेशकों को आकर्षित करने के लिए रोड शो आयोजित करने, अधिकतम मूल्य लाने के उपाय सुझाने और अल्पांश बिक्री की स्थिति आदि के बारे में सलाह और सहायता देगी। उल्लेखनीय है कि मौजूदा कारोबारी साल में सरकार ने विनिवेश के जरिए 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से 90 हजार करोड़ रुपये एलआईसी की लिस्टिंग और आईडीबीआई बैंक के विनिवेश से मिल जाने की उम्मीद जताई गई है। दरअसल एलआईसी देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी है, जिसके पास बाजार की 77.61 फीसदी हिस्सेदारी है। वहीं, कुल प्रीमियम आय में इसकी 70 फीसदी से ज्यादा की हिस्सेदारी है। इतना ही नहीं लिस्टिंग के बाद एलआईसी मार्केट वैल्यूएशन के हिसाब से देश की सबसे बड़ी कंपनी बन सकती है, जिसका बाजार मूल्यांकन 8 से 10 लाख करोड़ रुपये तक हो सकता है। हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर-hindusthansamachar.in