स्पेन में मार्च 2019 के सीवेज पानी के नमूने में कोरोना वायरस पाया गया
स्पेन में मार्च 2019 के सीवेज पानी के नमूने में कोरोना वायरस पाया गया  
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स्पेन में मार्च 2019 के सीवेज पानी के नमूने में कोरोना वायरस पाया गया

Raftaar Desk - P2

नई दिल्ली, 27 जून (हि.स.)। बार्सिलोना विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को कहा कि स्पेनिश विषाणु वैज्ञानिकों को चीन में कोविड-19 बीमारी की पहचान होने के नौ महीने पहले मार्च 2019 में बार्सिलोना के सीवेज जल के एक नमूने में कोरोना वायरस के विषाणु मिले हैं। स्पेन में इतना पहले कोरोना वायरस जीनोम की मौजूदगी की खोज की अगर पुष्टि की जाती है, तो यह माना जाएगा कि यह रोग वैज्ञानिक समुदाय के अंदाजे से बहुत पहले ही मौजूद रहा होगा। संभावित नए प्रकोपों की पहचान करने के लिए इस साल अप्रैल के मध्य से अपशिष्ट जल का परीक्षण कर रही बार्सिलोना विश्वविद्यालय की टीम ने पुराने नमूनों पर भी परीक्षण करने का फैसला किया था। उन्होंने पाया कि पहली बार आधिकारिक तौर पर रिपोर्ट किए जाने से 41 दिन पहले 15 जनवरी, 2020 को बार्सिलोना में कोरोना वायरस मौजूद था। फिर उन्होंने जनवरी 2018 और दिसम्बर 2019 के बीच लिए गए नमूनों का परीक्षण किया और उनमें से एक में कोरोना वायरस जीनोम की उपस्थिति पाई गई, जिसे 12 मार्च, 2019 को एकत्र किया गया था। स्पेनिश सोसाइटी फॉर पब्लिक हेल्थ एंड सेनेटरी एडमिनिस्ट्रेशन के डॉ. जोन रेमन विल्लिबी ने बताया कि इस बारे में निश्चित निष्कर्ष निकालना अभी बाकी है। लेकिन यह निश्चित रूप से दिलचस्प और विचारोत्तेजक है। फरवरी में अपने दल के साथ अपशिष्ट जल में कोरोनावायरस परीक्षण को शुरू करने वाले नीदरलैंड के केवीआर वाटर रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रो. गर्त्जन मेडेमा ने सुझाव दिया कि बार्सिलोना समूह को परीक्षणों को दोहराने की आवश्यकता है। जिससे यह पुष्टि हो सके कि यह वास्तव में कोरोना वायरस है। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश सिंह-hindusthansamachar.in