social media
social media
news

लीना नायर: आलोचनाओं को झेल कर लिखी सफलता की कहानी, जिसे पढ़कर आप भी रह जाएंगे हैरान

नई दिल्ली, एजेंसी। जिस समाज में लड़की होना बोझ समझा जाता हो, शिक्षा से उनका दूर-दूर तक वास्ता ना हो, इसके बावजूद कोल्हापुर क्षेत्र के एक गांव की लीना नायर, स्कूल गई तो लोगों ने तानों के साथ पूछा- ज्यादा पढ़ कर क्या करोगी। तुम अपने मां-बाप की सिर्फ दो लड़कियां ही हो कोई लड़का क्यों नहीं है?

इन बातों को नायर ने अपने सपनों के रास्ते की ऊर्जा बना डाली। आज वह जिस मुकाम पर पहुंची हैं, उसपर देश की हर औरत को नाज है। लीना आज लंदन के दिग्गज फैशन ब्रांड चैनल के ग्लैमर्स ऑफिस में बतौर सीईओ हैं और कंपनी के दुनिया भर में काम करने वाले 28 हजार कर्मचारियों की अगुवाई कर रही हैं।

तानें सुनकर बीता बचपन

नायर बताती हैं कि बेहद नीरस और आलोचनाओं से घिरे वातावरण के बावजूद उसे मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री में काफी रुचि रही है और अपने पिता को मनाकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की। कॉलेज के एक प्रोफेसर ने सलाह दी कि तुम इंजीनियर बनने के बजाय एमबीए की पढ़ाई करो। उनकी सलाह पर अमल किया और जमशेदपुर के कॉलेज से एमबीए की डिग्री हासिल की।

लीना नायर को दिसंबर में चैनल ब्रांड ने अपना ग्लोबल सीईओ बनाया और एकाएक उनकी चर्चा दुनियाभर में होने लगी। भारतीय एफएमसीजी कंपनी युनिलीवर के साथ कई वर्ष बिताने वाली लीना नायर को मुख्य मानव संसाधन अधिकारी से एकाएक ग्लोबल चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर बना दिया गया। अब वे कंपनी के दुनिया भर में काम करने वाले 28 हजार कर्मचारियों का नेतृत्व कर रही हैं। वह कहती हैं कि मेरे कैरियर में ऐसे कई मोड़ जुड़े हैं जो किसी महिला के रूप में पहली बार सामने आए थे। आप जब किसी पेशे से जुड़ने वाली एशिया की पहली वुमन होती हैं तो आपकी सफलता और नाकामी दोनों को बहुत नजदीक से परखा जाता है।

भरोसा जगाने का आसान तरीका

मुम्बई एवं पुणे विजिट से लौटने के दौरान बातचीत में बताया कि महिलाओं को आगे बढ़ने का बेहतर रास्ता दूसरी महिला ज्यादा अच्छी तरह से बना सकती हैं। हम पाकिस्तान में एचयूएल का स्टोर खोल रहे थे और वहां काम करने के लिए लड़कियों का हायर करना चाहते थे। इसके लिए हमने उनके परिवारों को कुछ दिन साथ बिताने के लिए कहा, ताकि उनमें काम के माहौल को लेकर भरोसा पैदा हो। बतौर सीईओ भी मेरी यही कोशिश होगी कि कंपनी में काम करने वाली महिला व पुरुषों के आगे बढ़ाने के नए-नए रास्ते बनाए जाएं।