बजरंग बली का आशीर्वाद
बजरंग बली का आशीर्वाद  
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बजरंग बली की माया - कहीं खिलाया फूल तो कहीं रखी छाया

बजरंग बली की जय , बजरंग बली तोड़ दे भ्रस्टाचार की नली, बजरंग दल का हो हो हो

कर्नाटक चुनाव का रिजल्ट आ गया है और बजरंग बली ने आदेश देकर कांग्रेस को जनादेश दिला दिया है। बीजेपी को बजरंग बली ने अभी थोड़े समय के लिए सन्देश भिजवाया है ,लेकिन इन सब के बीच असली मुद्दा, बजरंग बली को बैन (माफ़ी प्लीज ) बजरंग दल को बैन करने का मुद्दा अभी भी गरम है।

होना भी चाहिए जिस बजरंग दल को बलि का बकरा बना के फूल वालों ने चुनाव में घसीटा था उसके रक्षक भगवान बजरंग बली ने फूल से कूद कर हाथ वालों का साथ दिया !! खैर बजरंग बली तो प्रभु हैं और प्रभु की लीला अपरम्पार होती है ये (सिर्फ मैं नहीं ) फूल और पंजा वाले लोग भी जानते हैं।

अब प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त बजरंग बली को परीक्षा तो देनी पड़ी थी की क्यों उनमें मन में श्री राम के प्रति अगाध श्रद्धा और प्रेम के भाव हैं और वो पूरी तरीके से प्योर एंड पाइस (अगर ममतामयी राधे माँ की शब्द याद आ गए हो तो माफ़ कर देना) हैं और भगवन श्री राम भी इसे मान चुके थे, लेकिन कर्नाटक की भूमि में सब लोग कंफ्यूज हो गए। भगवा (मतबल भगवान् ) वाले वोट से जीतने वाले लोग कंफ्यूज हैं की भगवान ने उनको इस बार क्यों नहीं वोट दिया , प्रधान जी का जादू काम नहीं किया या भीतर ही भीतर कुछ लोगों ने "खेला होबे" के नारे को सिद्ध कर दिया !

वैसे सिद्ध से सिद्धा बाबू की याद आ गयी , अरे अपने सिद्धारमैया जी , जिन्होंने कर्नाटक चुनाव जीतने के साथ ही राहुल बाबा को प्रधानमंत्री देखने की चाहत प्रकट कर दी ! अब ये चाहत दिली इच्छा है या अपने लिए कुर्सी की माया , सब भोले बाबा (शिव बाबा) ही जाने !! अब शिव बाबा को ही देखो, रोना धोना से लेकर , अपनी एक लाइन में बात करने के तरीके से आलाकमान (वैसे अभी आलाकमान कहाँ है पता नहीं ) को बता दिया की "मेरा नाम भी शिव है , मैं झुकेगा नहीं वाला।

अब तो बात आखिरी गंतव्य तक पहुँच चुकी है की आज - कल में कर्नाटक मुख्यमंत्री वाला ऊंट किस करवट बैठेगा , आपको और हमको दोनों को पता चल ही जायेगा , लेकिन ऊंट वाले राज्य की गर्माहट इन गर्मी के दिनों में ज्यादा हो गयी है !! वहां जादूगर अपनी छड़ी भी चला रहे हैं और पायलट अपनी प्लेन भी उड़ाने में लगे हुए हैं !!

बांकी तो सब बजरंग बली की माया है , और माया के जाल में फंसना नहीं है ! बाँकी

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।

राम लखन सीता मन बसिया

जय सिया राम, जय हनुमान (बजरंग बली )

(यह लेखक के अपने स्वतंत्र विचार हैं।)

(लेखक अजय कुमार मीडिया क्षेत्र में कई सालों से कार्यरत हैं।)