राज्यपाल ने फिर दोहराया : बलविंदर सिंह के खिलाफ सारे केस वापस ले ममता सरकार
राज्यपाल ने फिर दोहराया : बलविंदर सिंह के खिलाफ सारे केस वापस ले ममता सरकार  
पश्चिम-बंगाल

राज्यपाल ने फिर दोहराया : बलविंदर सिंह के खिलाफ सारे केस वापस ले ममता सरकार

Raftaar Desk - P2

कोलकाता, 17 अक्टूबर (हि. स.)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर दोहराया है कि ममता बनर्जी की सरकार को भाजपा के सचिवालय घेराव अभियान के दौरान गिरफ्तार किए गए पूर्व सैनिक बलविंदर सिंह के खिलाफ सारे केस वापस लेने चाहिए। दरअसल शनिवार को पूर्व सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और बलविंदर सिंह के साथ हुई बर्बरता पर न्याय की गुहार लगाई। इस प्रतिनिधिमंडल ने सिंह को जल्द से जल्द रिहा करने और उन पर लगाए गए सारे केस वापस लेने की मांग की है। इसे लेकर राज्यपाल ने शनिवार को हुई इस मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर डाली है और लिखा है कि पूर्व सैनिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज मुझसे राजभवन कोलकाता में मुलाकात की और बलविंदर सिंह की तत्काल रिहाई तथा उनके खिलाफ लगाए गए सारे केस को वापस लेने की मांग की। मुझे यह बताते हुए बेहद दुख हो रहा है कि बलविंदर सिंह के साथ राज्य पुलिस और राज्य सरकार ने मानवाधिकार के हनन की सीमा पार की है। ममता बनर्जी से मेरी अपील है कि उनके खिलाफ लगाए गए सारे केस वापस लिए जाएं और उन्हें तत्काल रिहा किया जाए। अपने दूसरे ट्वीट में राज्यपाल ने गत आठ अक्टूबर को भाजपा के सचिवालय घेराव के दौरान बलविंदर सिंह को लाठियों से पीटने और उनकी पगड़ी गिराने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि पुलिस अधिनियम की धारा 7 और 29 के तहत जनता के बीच विश्वास बहाली के लिए जरूरी है कि दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बर्खास्तगी, जुर्माना या निलंबन का कदम उठाया जाए। ममता बनर्जी को चाहिए कि राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था सुनिश्चित करें और तत्काल कदम उठाएं। उल्लेखनीय है कि बलविंदर सिंह की रिहाई की मांग पूरे देश से उठ रही है लेकिन ममता बनर्जी की सरकार ने उनके खिलाफ सख्त रुख बरकरार रखा है। बलविंदर भारतीय सेना के राष्ट्रीय राइफल्स के पूर्व सैनिक हैं और सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने लाइसेंस वाली बंदूक रखी थी। उसी की मदद से वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता प्रियांग्शु पांडे की सुरक्षा में तैनात थे। भाजपा के सचिवालय घेराव अभियान के दौरान पुलिस ने उनकी बंदूक छीन ली थी और उन पर अवैध तरीके से बंदूक रखने समेत 8 से अधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सारी धाराएं गैर जमानती हैं। उनकी बंदूक छीनने के दौरान पुलिस ने उन्हें जमीन पर गिराकर लाठियों से पीटा था और उनकी पगड़ी खींचकर गिरा दी थी। उसके बाद सिंह के खुले हुए केशों को पकड़कर घसीटते हुए पुलिस वैन में डाला गया था जिसे लेकर दुनियाभर के सिख समुदाय में गुस्से की लहर है। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा-hindusthansamachar.in