महानंदा में छठ को लेकर असमंजस की स्थिति  बरकरार, पूजा समितियों ने जताय विरोध
महानंदा में छठ को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार, पूजा समितियों ने जताय विरोध 
पश्चिम-बंगाल

महानंदा में छठ को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार, पूजा समितियों ने जताय विरोध

Raftaar Desk - P2

सिलीगुड़ी, 18 नवम्बर (हि.स. )। सिलीगुडी में प्रतिवर्ष महानंदा नदी के लाल मोहन मौलिक निरंजन घाट के तट पर छठ पूजा की जाती है। किंतु इस वर्ष नदी तट पर पूजा आयोजित की जाएगी या नहीं इसे लेकर बुधवार तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसे लेकर ना केवल छठ व्रती बल्कि विभिन्न पूजा समितियों के सदस्य भी काफी परेशान हैं। बुधवार को एक बार फिर विभिन्न पूजा समितियों के सदस्यों ने महानंदा नदी में उतरकर स्थानीय प्रशासन के खिलाफ विरोध जताया । वहीं बिहारी कल्याण मंच के सचिव कर्मवीर सिंह ने कहा कि हम लोग महानंदा किनारे लाल मोहन मौलिक निरंजन घाट पर पिछले 100 वर्षों से छठ करते आ रहे हैं। हमारे पूर्वज नदी किनारे छठ करते थे पर कभी भी ऐसी समस्या नहीं हुई। इस बार जो हो रहा है इससे लगता है कि हम बिहारियों को द्वितीय श्रेणी का नागरिक समझा जा रहा है और वैसा ही रवैया अपनाया जा रहा है। प्रशासन कम से कम हां या ना कुछ भी तो स्पष्ट करे कि उसी अनुरूप हम आगे बढ़ें और आवश्यक तैयारी करें। उल्लेखनीय है कि महानंदा नदी के लाल मोहन मौलिक निरंजन घाट पर सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है। जिसे लेकर घाट के चारो ओर रेलिंग बना दी गयी है। जिससे छठ व्रतियों के घाट में प्रवेश नहीं कर सकेंगे । सिलीगुड़ी नगर निगम ने छठ को देखते हुए आनन - फानन में कुछ राहत देते हुए दो जगहों से रेलिंग का तोड़ भी दिया है। परंतु नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश व निर्देश के अनुसार नदी के बीच में कुछ भी (घाट आदि) निर्माण नहीं किया जा सकता है। नदी में जहां गहराई ज्यादा है, पानी ज्यादा है वहां छठ व्रती नदी में नहीं उतर सकते हैं। इसके साथ ही नदी किनारे भी किसी प्रकार का कुछ निर्माण नहीं किया जा सकता है। जिस वजह से महानंदा नदी के लाल मोहन मौलिक निरंजन घाट पर छठ होगा या नहीं, इसे लेकर अनिश्चितता बरकरार है। हिन्दुस्थान समाचार /सचिन/सुगंधी/मधुप-hindusthansamachar.in