कोलकाता, 04 मार्च (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को होने वाला पहले चरण का मतदान केंद्रीय बलों की पूर्ण निगरानी में होगा। चुनावी हिंसा के लिए कुख्यात बंगाल में इस बार मतदान के दौरान धांधली, मारपीट अथवा मतदाताओं को डराने धमकाने की कोशिश ना हो सके, इसके लिए आयोग ने कमर कस ली है। चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि पहले चरण के मतदान से पहले 25 मार्च तक राज्य में 650 कंपनी केंद्रीय बलों के जवानों को तैनात कर दिया जाएगा। चुनाव आयोग के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की इन सभी टुकड़ियों को चुनाव के दौरान सुरक्षा के लिए लगाया जाएगा। बताया गया है कि आठ मार्च तक 170 कंपनी केंद्रीय बलों के जवान बंगाल में रहेंगे जो राजधानी कोलकाता समेत पहले चरण के चुनाव वाले क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर गश्ती लगाएंगे। अभी से ही जंगलमहल क्षेत्रों में जहां मतदान होने हैं वहां मतदाताओं के बीच विश्वास बहाली के लिए केंद्रीय बलों के जवानों ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर रूट मार्च शुरू किया है। सूत्रों ने बताया है कि 25 मार्च तक केंद्रीय बलों की जो 650 कंपनियां आएंगी उनमें से अधिकतर को 27 मार्च को पहले चरण के मतदान वाले दिन उन सभी 30 विधानसभा क्षेत्रों के मतदान केंद्रों पर तैनात किया जाएगा जहां मतदान होने हैं। इस बार आयोग की योजना है कि मतदान केंद्र के अंदर और बाहर भी अगर संभव हो सके तो केंद्रीय बलों के जवानों की तैनाती की जा सके ताकि राज्य प्रशासन की मिलीभगत से सत्तारूढ़ पार्टी के संरक्षित अपराधी डर या हिंसा ना फैला सकें। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश/मधुप