Over 100 police station in-charge of Bengal on CBI radar in coal and cow smuggling
Over 100 police station in-charge of Bengal on CBI radar in coal and cow smuggling 
पश्चिम-बंगाल

कोयला और गाय तस्करी में बंगाल के 100 से अधिक थाना प्रभारी सीबीआई राडार पर

Raftaar Desk - P2

कोलकाता, 09 जनवरी (हि. स.)। कोयला और पशु तस्करी के लपेटे में राज्य के कई पुलिस अधिकारी आने वाले हैं। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले इन दोनों तस्करी में चल रही सीबीआई जांच ना केवल राजनीतिक रूप से सुर्खियां बनी हुई है, बल्कि कई बड़ी साजिशों का भी खुलासा कर रही है। एक तरफ गौ तस्करी में राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का नाम घसीटा जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ कोयला तस्करी में तृणमूल के कई नेताओं के शामिल होने की अटकलें तेज हैं। सीबीआई सूत्रों के अनुसार जांच में पता चला है कि राज्य भर के 100 से अधिक थानों के प्रभारी तस्करी के कारोबार में न केवल लिप्त रहे हैं बल्कि तस्करों को संरक्षण देते रहे हैं। इसके एवज में उन्हें मोटी धनराशि घूस के तौर पर दी जाती थी। जांच में यह भी पता चला है कि थाना प्रभारियों को मिलने वाली राशि का हिस्सा आईपीएस अधिकारियों तक पहुंचता था। इसके अलावा एक दूसरा हिस्सा बिचौलियों के जरिए सत्तारूढ़ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचता रहा है। सीबीआई के सूत्रों ने बताया कि कोयला तस्करी मामले के मुख्य आरोपित अनूप माझी उर्फ लाला और मवेशी तस्करी के आरोपित इनामुल हक के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी के दौरान सूची बरामद हुई है जिसमें थाना प्रभारियों का नाम है। न केवल सीबीआई बल्कि आयकर विभाग (इनकम टैक्स) की टीम भी लगातार जांच पड़ताल कर रही है। दोनों केंद्रीय एजेंसियों द्वारा प्राप्त दस्तावेजों के अनुसार, कई डोरमेट्री में छापे मारे गए। जांच के अनुसार, दक्षिण और उत्तर बंगाल के आठ से नौ जिलों में काम करने वाले थाना प्रभारियों को हर महीने मोटी रकम पहुंचाए जाते थे। सीबीआई सूत्रों के अनुसार कोयला तस्करी के आरोपित लाला के नितुरिया के घर की तलाशी में सभी अधिकारियों के विवरण सहित 15,000 पन्नों की 'नोटबुक' मिली है। कोयले तस्करी से पुलिस थाने के नाम पर कितना पैसा गया, यह भी लाला के खाते में दर्ज है। आयकर अधिकारियों का दावा है कि लाला ने स्वयं दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किए हैं। जांचकर्ताओं का दावा है कि जिस कंप्यूटर से दस्तावेज मिले थे, उसकी जांच अहमदाबाद में एक फ़ोरेंसिक प्रयोगशाला द्वारा की गई है। बांकुड़ा, पुरुलिया, आसनसोल, बीरभूम, हुगली और उत्तर व दक्षिण 24 परगना में बड़े पैमाने पर इस गिरोह में पुलिस अधिकारी शामिल रहे हैं। इन सभी को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। हिन्दुस्थान समाचार/ ओम प्रकाश/गंगा-hindusthansamachar.in