कोलकाता, 29 अप्रैल (हि. स.)। गुरुवार को पश्चिम बंगाल में हो रहे अंतिम चरण के मतदान वाले दिन भी चुनाव आयोग की व्यवस्थाएं बहुत हद तक विफल हैं। कोलकाता के साथ-साथ बीरभूम जिले में भी अपराधिक तत्वों का तांडव नहीं थम रहा है। बीरभूम जिले के नानूर में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार तारकेश्वर साहा की गाड़ी में तोड़फोड़ की गई है। इसके अलावा इसी इलाके में भाजपा के पोलिंग एजेंट को भी मारा-पीटा गया है। उसका सिर फट गया है। आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगा है। उल्लेखनीय है कि यहां से घोर आपराधिक छवि के तृणमूल नेता अणुव्रत मंडल को आयोग ने घर में नजरबंद रखा है लेकिन उसके पहले वह पूरे क्षेत्र में घूम -घूम कर मीटिंग कर चुके हैं और कार्यकर्ताओं को जो कुछ भी करना है उसके लिए निर्देश दे चुके हैं। इसके अलावा कोलकाता में भी सुबह से ही अलग-अलग क्षेत्रों में टकराव जारी है। चौरंगी से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार नैना बनर्जी को कथित तौर पर चौरंगी मेट्रोपॉलिटन स्कूल में बने मतदान केंद्र में घुसने से सेंट्रल फोर्स के जवानों ने रोका है। इसे लेकर वह केंद्रीय बलों के जवानों से भिड़ गई थीं। वाद-विवाद का वीडियो भी वायरल हुआ है। इसी तरह से जोड़ासांको विधानसभा क्षेत्र में ऐतिहासिक महाजाति सदन के बाद रवींद्र सरणी इलाके में भी बमबारी हुई है। भाजपा उम्मीदवार मीना देवी पुरोहित की गाड़ी को लक्ष्य कर बम फेंके गए हैं। कोलकाता के ही इंटाली में सुबह से ही रह रह कर टकराव हो रहा है। यहां से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार स्वर्ण कमल साहा हैं। वह सुबह के समय 123 नंबर मतदान केंद्र पर गए थे जहां उनके पार्टी कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि सेंट्रल फोर्स के जवान पक्षपात कर रहे हैं। आरोप लगा था कि तृणमूल कांग्रेस के पोलिंग एजेंट को नहीं बैठने दिया गया। इसके बाद स्वर्ण कमल के कहने पर बड़ी संख्या में एकत्रित हुए कार्यकर्ताओं ने ना केवल कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई बल्कि मतदान केंद्र के पास भी जम गए। जगह-जगह टकराव की स्थिति बन गई थी जिसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी हंगामा शुरू कर दिया था। हालात को संभालने के लिए सेंट्रल फोर्स के जवानों की अतिरिक्त टीम को यहां लगाया गया जो रूट मार्च कर रहे हैं। भाजपा उम्मीदवार प्रियंका टिबड़ेवाल ने स्वर्ण कमल और स्थानीय पुलिस पर मतदान को बाधित करने का आरोप लगाया है। हिन्दुस्थान समाचार/ओम प्रकाश/गंगा