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कोलकाता

Murshidabad: रामनवमी हिंसा पर हाई कोर्ट की टिप्पणी- जहां लोग शांति से त्योहार नहीं मना सकते, वोट कैसे करेंगे?

नई दिल्ली, रफ्तार डेस्क। पश्चिम बंगाल में दूसरे चरण के मतदान से पहले राज्य के मुर्शिदाबाद इलाके में जारी हिंसा और अनियंत्रित घटनाओं को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट ने आज तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग से हम कहेंगे कि मुर्शिदाबाद का चुनाव टाल दें।

कलकत्ता हाई कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी

कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने कहा, "मैं चुनाव आयोग से मुर्शिदाबाद के बहरामपुर इलाके में चुनाव स्थगित करने के लिए कहूंगा। उन्होंने रामनवमी के दिन हुए हिंसा को लेकर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ''जहां लोग 8 घंटे तक शांति से अपना त्योहार नहीं मना सकते, वहां इस वक्त वोट देने की कोई जरूरत नहीं है।'' उल्लेखनीय है कि रामनवमी वाले दिन शोभा यात्राओं पर मुर्शिदाबाद के दो इलाकों में पथराव और आगजनी हुई थी। बता दें कि इस मामले की NIA जांच की मांग करते हुए याचिका दायर की गई थी। इसको लेकर अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। 

घटना में कई लोगों के घायल

दरअसल, मुर्शिदाबाद का रेजीनगर इलाके में रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान हिंसा हुई थी। कथित तौर पर जब जुलूस रेजीनगर के शांतिपुर इलाके से गुजर रहा था तो कुछ लोगों ने घर की छत से ईंटें और बम फेंके। इस घटना में कई लोगों के घायल हो गए। रामनवमी की घटना को लेकर पूरे इलाके में तनाव फैल गया था। स्थिति को संभालने के लिए प्रशासन को रैफ उतारना पड़ा था। 

मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी

इस मामले में चीफ जस्टिस ने अशांति पर चिंता जताई। इसके बाद उन्होंने अपने अवलोकन में बहरमपुर चुनाव स्थगित करने का मुद्दा उठाया। चीफ जस्टिस ने कहा कि यह जानना जरूरी है कि इस घटना को किसने उकसाया। राज्य और केंद्रीय एजेंसियां चाहें तो हलफनामा दाखिल कर सकती हैं। कोर्ट ने मामले में राज्य से रिपोर्ट मांगी है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, राज्य को अदालत को रिपोर्ट देनी चाहिए कि रामनवमी पर क्या हुआ। इस मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी।

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