Eight lakh people took a holy dip in Gangasagar
Eight lakh people took a holy dip in Gangasagar 
पश्चिम-बंगाल

गंगासागर में आठ लाख लोगों ने लगाई आस्था की डुबकी

Raftaar Desk - P2

कोलकाता, 14 जनवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना स्थित मशहूर गंगासागर में गुरुवार को मकर संक्रांति की सुबह लगभग आठ लाख लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। इसबार कोविड-19 संकट की वजह से यातायात के संसाधन बहुत कम हैं इसलिए तीर्थयात्रियों की संख्या भी कम हुई है। हर साल यहां 30 से 35 लाख लोग पुण्य स्नान करते हैं लेकिन इसबार यह संख्या घटी है। राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी ने बताया कि बुधवार देर शाम तक आठ लाख के गरीब लोग सागर तट पर पहुंचे थे, जिन्होंने गुरुवार सुबह आस्था की डुबकी लगाई। सुबह 6:06 से शुभ मुहूर्त की शुरुआत हुई है जो अगले दिन यानी शुक्रवार को सुबह 6:02 बजे तक रहेगी। कपिल मुनि आश्रम के महंत ज्ञानदास ने बताया कि परंपरा के मुताबिक गंगा सागर में डुबकी लगाने के बाद लोग कपिल मुनि मंदिर में पूजा करते हैं। इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर प्रशासन ने सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की है। इसके अलावा कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करने के निर्देश भी लोगों को दिए जा रहे हैं। हालांकि गुरुवार सुबह सागर तट पर आस्था की डुबकी लगाने वालों के बीच शारीरिक दूरी के प्रावधान नजर नहीं आए। पुरी के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने सुबह 7:00 बजे गंगासागर में शाही स्नान किया। भीड़ पर निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया है। नेवी और तटरक्षक बल के विशेष जहाज भी सागर तट से थोड़ी दूरी पर तैनात होकर लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया है कि कोविड-19 के संदिग्ध लक्षण वाले लोगों के लगातार रैपिड एंटीजन टेस्ट किए जा रहे हैं जिनमें से अभीतक किसी की भी रिपोर्ट कोविड-19 पॉजिटिव नहीं आई है। लोगों की जांच के लिए 10 परीक्षण केंद्र बनाए गए हैं। त्रेता युग में महर्षि भागीरथ के तप से प्रसन्न होकर राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को मोक्ष देने के लिए मां गंगा स्वर्ग से धरती पर उतरी थीं और सागर तट पर मौजूद कपिल मुनि आश्रम के पास राजा सगर के पुत्रों के अवशेषों को छूती हुई सागर में समाहित हो गई थीं जिसके बाद राजा सगर के सभी पुत्रों को मोक्ष मिला था। उसके बाद से ही सागर तट पर हर साल मकर संक्रांति के उसी शुभ मुहूर्त में देश-दुनिया से लाखो पुण्यार्थी मोक्ष की चाह में आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। इसलिए कहते हैं सारे तीरथ बार बार गंगासागर एकबार। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश-hindusthansamachar.in