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पश्चिम-बंगाल

वामदलों की आंतरिक रिपोर्ट में दावा : कांग्रेस से गठबंधन की वजह से जीती तृणमूल

Raftaar Desk - P2

कोलकाता, 31 मई (हि.स.)। वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन के कारण ही बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस की जीत हुई। आज मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की राज्य कमेटी की वर्चुअली बैठक में चुनावी नतीजों पर पेश की गई समीक्षा रिपोर्ट में यह बात कही गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016 में वाममोर्चा ने जो 32 सीटें जीती थीं, उनमें से 23 पर इस बार तृणमूल ने कब्जा जमाया है, जबकि नौ पर भाजपा की जीत हुई है। कांग्रेस ने उस समय 44 सीटें जीती थी, जिनमें से 29 पर इसबार तृणमूल और 15 पर भाजपा ने जीत हासिल की है। भाजपा ने इस बार जो 77 सीटें जीती है, उनमें से 45 पर पिछली बार तृणमूल ने जीत दर्ज की थी। तृणमूल 2016 में जीती गईं 209 सीटों में से 107 पर इस बार कब्जा बरकरार रखने में सफल रही है। उसने वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन द्वारा 2016 में जीती गई 52 सीटों पर जीत दर्ज करके 200 का आंकड़ा पार किया है। समीक्षा रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की जनता के मन में तृणमूल के प्रति विरोधी मानसिकता थी, लेकिन भाजपा के प्रचार के तरीके से यह उसी की तरफ शिफ्ट कर गया। इस कारण तृणमूल के खिलाफ अम्फन के फंड की लूट, राज्य में अराजकता व अलोकतांत्रिक स्थिति जैसे मसलों को उठाया नहीं जा सका। जनता ने तृणमूल को भाजपा के खिलाफ प्रमुख शक्ति के तौर पर मान लिया। तृणमूल विभिन्न सरकारी प्रकल्पों में जनता का समर्थन प्राप्त करने में भी सफल रही। माकपा का मानना है कि तृणमूल और भाजपा में वोटों का ध्रुवीकरण भी वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन की हार की एक प्रमुख वजह है। एक और वजह यह है कि गठबंधन जनता से मजबूती से जुड़ नहीं पाया और उसे लोगों का विश्वास हासिल नहीं हो पाया। हिन्दुस्थान समाचार / ओम प्रकाश