स्वच्छ परिवेश और मासिक धर्म स्वच्छता का सही ज्ञान ही साक्षरता की पहचान :स्वामी चिदानन्द सरस्वती
स्वच्छ परिवेश और मासिक धर्म स्वच्छता का सही ज्ञान ही साक्षरता की पहचान :स्वामी चिदानन्द सरस्वती 
उत्तराखंड

स्वच्छ परिवेश और मासिक धर्म स्वच्छता का सही ज्ञान ही साक्षरता की पहचान :स्वामी चिदानन्द सरस्वती

Raftaar Desk - P2

ऋषिकेश,0 8 सितम्बर(हि.स.)। विश्व साक्षरता दिवस पर मंगलवार को परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि साक्षर होना समाज के हर वर्ग के लिए आवश्यक है। स्वच्छ परिवेश और मासिक धर्म स्वच्छता साक्षरता की सही पहचान है। उन्होंने कहा कि साक्षरता से तात्पर्य केवल अक्षर ज्ञान तक ही सीमित नहीं हो बल्कि साक्षर होने का मतलब हम अपने और अपने परिवेश के बारे में भी जागरूक हो सकें। अक्षर ज्ञान के साथ प्रकृति, पर्यावरण, जल और जंगलों के संरक्षण पर भी शिक्षण और चितंन करना होगा। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/मुकुंद-hindusthansamachar.in