ऋषिकेश, 22 नवम्बर (हि.स.)। परमार्थ निकेतन में गोपाष्टमी के पावन अवसर पर रविवार को दो गज की दूरी के साथ प्रकृति के संरक्षण के लिए हवन किया गया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, जीवा की अन्तरराष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती, परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों, आचार्यों और परमार्थ परिवार के सदस्यों ने गाय एवं गोविन्द की पूजा-अर्चना की। इस मौके पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि कृषि और ऋषि दो संस्कृतियां हैं। ऋषि संस्कृति ने सभ्यता और गौरवमयी इतिहास दिया है।कृषि संस्कृति ऋषियों की देन है। ऋषियों ने संदेश दिया है कि अगर कृषि को बचाये रखना है तो गौ माता को बचाना होगा। इस कोरोना काल में हम काऊ कल्चर और गंगा कल्चर की और लौटें। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/मुकुंद-hindusthansamachar.in