परमार्थ निकेतन माटी के दीयों से जगमगाया
परमार्थ निकेतन माटी के दीयों से जगमगाया 
उत्तराखंड

परमार्थ निकेतन माटी के दीयों से जगमगाया

Raftaar Desk - P2

-पर्व अवसर है, खुद को बदलने का, खुद से बदलने का- स्वामी चिदानन्द सरस्वती ऋषिकेश, 14 नवम्बर (हि.स.)। परमार्थ निकेतन आश्रम में शनिवार को बाल दिवस, विश्व मधुमेह दिवस और दीपावली का पर्व दो गज की दूरी के साथ मनाया गया। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने ऋषिकेश के 500 से अधिक बच्चों को स्टेशनरी किट, पोषण आहार के पैकेट और दीपावली का उपहार भेंट किया। परमार्थ परिवार के सदस्यों ने काले की ढ़ाल, चन्द्रेश्वर नगर और खारास्रोत के बच्चों के साथ बाल दिवस मनाया। विश्व मधुमेह दिवस पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि योग, ध्यान, प्राणायाम और संतुलित आहार से मधुमेह से बचा जा सकता है। स्वामी ने कहा कि प्रकृति के अनुकुल जीवन शैली अपनाकर शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है। सरस्वती ने देशवासियों को दीपावली की शुभकामनायें देते हुये कहा कि यह पर्व कोरोना रूपी तमस का हरण कर सभी के जीवन में दिव्य ऊर्जा का संचार करे, ऐसी प्रभु से प्रार्थना है। हम सभी के समक्ष भारतीय संस्कृति ने इन पर्वों और त्योहारों का उपहार दिया है। हम हर पर्व को एक अवसर बना लें, खुद को बदलने का; खुद से बदलने का। घर-परिवार में, जीवन में और हर एक के जीवन में खुशियां लाने का, उत्सव बना लें। दीपावली तो अन्तस के उत्सव का भी पर्व है। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/मुकुंद-hindusthansamachar.in