चार साल से पीसीएस परीक्षा न कराने पर हाई कोर्ट ने सरकार व लोक सेवा आयोग से किया जवाब तलब
चार साल से पीसीएस परीक्षा न कराने पर हाई कोर्ट ने सरकार व लोक सेवा आयोग से किया जवाब तलब  
उत्तराखंड

चार साल से पीसीएस परीक्षा न कराने पर हाई कोर्ट ने सरकार व लोक सेवा आयोग से किया जवाब तलब

Raftaar Desk - P2

नैनीताल, 18 अगस्त (हि.स.)। राज्य में 2016 से अब तक पीसीएस परीक्षा नहीं कराने पर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार व राज्य लोक सेवा आयोग को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ एवं न्यायमूर्ति एनएस धानिक की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। देहरादून निवासी राज्य आंदोलनकारी रवींद्र जुगरान ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि 2002 में सरकार ने तय किया था कि हर साल राज्य लोक सेवा आयोग को अफसरों के पदों की रिक्तियों का अध्याचन भेजा जाएगा। मगर राज्य बनने के दो दशक बाद अब तक राज्य लोक सेवा आयोग ने सिर्फ छह परीक्षाएं ही आयोजित कराई हैं। याचिका में कहा कि पिछली परीक्षा 2016 में हुई थी। राज्य में बड़े पैमाने पर अधिकारियों के पद रिक्त हैं। एक अफसर को कई जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इससे सरकारी कामकाज प्रभावित हो रहा है। मंगलवार को पक्षों की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार व राज्य लोक सेवा आयोग को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिये हैं। हिन्दुस्थान समाचार / लता नेगी-hindusthansamachar.in