गीता जीवन का सारः स्वामी चिदानन्द सरस्वती
गीता जीवन का सारः स्वामी चिदानन्द सरस्वती 
उत्तराखंड

गीता जीवन का सारः स्वामी चिदानन्द सरस्वती

Raftaar Desk - P2

ऋषिकेश, 25 दिसम्बर (हि.स.)। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने शुक्रवार को गीता जयंती पर कहा-' गीता जीवन का सार है। जीवन का शास्त्र है। वह हमें स्वयं से वयं की यात्रा कराती है। भय को दूर कर भाव को जगाती है। जीवन के विषाद को प्रसाद बना देती है। पीड़ा को प्रेरणा बना देती है।' इस अवसर पर परमार्थ निकेतन में महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती के सान्निध्य में परमार्थ गुरुकुल के ऋषिकुमारों ने गीता पाठ किया। चिदानन्द ने कहा कि जीवन की हर दशा को एक नई दिशा देने वाला अद्भुत ग्रंथ है भगवत गीता। जीवन की हर समस्या का समाधान समाहित है। श्रीमद् भगवत गीता चित्त की नकारात्मक वृत्ति दूर कर सहज मार्ग प्रदान करती है। इस मार्ग के अनुसरण से जीवन, मरण और मोक्ष तीनों को साधा जा सकता है। वास्तव में भगवत गीता श्रेष्ठ गुरु की तरह पथ प्रदर्शक, मार्गदर्शक है। हिन्दुस्थान समाचार /विक्रम/मुकुंद-hindusthansamachar.in