उपभोक्ता आयोग ने दिया बैंक की धन वसूली निरस्त करने का आदेश
उपभोक्ता आयोग ने दिया बैंक की धन वसूली निरस्त करने का आदेश 
उत्तराखंड

उपभोक्ता आयोग ने दिया बैंक की धन वसूली निरस्त करने का आदेश

Raftaar Desk - P2

हरिद्वार,18 दिसम्बर (हि.स.)। जिला उपभोक्ता आयोग ने स्थानीय प्रबन्धक भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत तीन अधिकारियों को उपभोक्ता सेवा में कमी व लापरवाही बरतने का दोषी ठहराया है। आयोग ने लोन धनराशि 84,092 रुपये निरस्त करते हुए क्षतिपूर्ति व शिकायत खर्च के रूप में पांच हजार रुपये शिकायतकर्ता को अदा करने के आदेश दिए हैं। शिकायतकर्ता राशिद निवासी ग्राम शिवदासपुर तेलीवाला धनौरी,हरिद्वार ने स्थानीय शाखा प्रबंधक पिरान कलियर, एजीएम शाखा रानीपुर व डीजीएम, रीजनल कार्यालय देहरादून के खिलाफ एक लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि वह ग्रामीण क्षेत्र में रहता है। कभी भी उसे लोन की आवश्यकता नहीं पड़ी। न ही कभी लोन लिया है। स्थानीय बैंक का एक प्रतिनिधि गांव में आकर उसे बैंक ले गया था। प्रतिनिधि के कहने पर बैंक प्रबंधक ने उसके कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराए थे। बैंक प्रबंधक ने शिकायतकर्ता को फिर बाद में आने के लिए कहा था। इसके बावजूद स्थानीय बैंक प्रबंधक व उसके अधिकारियों ने उसके खिलाफ तहसील के माध्यम से 84,092 रुपये की वसूली जारी करने के आदेश दे दिए थे। आरसी की सूचना मिलते ही शिकायतकर्ता स्थानीय बैंक में गया। वहां शिकायतकर्ता को मालूम हुआ कि बैंक प्रबंधक ने कई लोगों के नाम से छल-पूर्वक व फर्जी तरीके से लोन देकर पैसे निकाल लिए हैं। शिकायतकर्ता ने बैंक से उक्त धन वसूली को गलत बताते हुए रोकने की मांग की थी। बैंक प्रबंधन ने कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया। शिकायत की सुनवाई के बाद आयोग अध्यक्ष कंवर सैन व सदस्यगण ने स्थानीय बैंक प्रबंधक समेत तीनों अधिकारियों को उपभोक्ता सेवा में कमी व लापरवाही बरतने का दोषी पाया है। हिन्दुस्थानसमाचार/रजनीकांत/मुकुंद-hindusthansamachar.in