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उत्तराखंड

टेक होम राशन वितरण योजना के ई-टेंडरिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगी महिलाएं

Raftaar Desk - P2

देहरादून, 15 अप्रैल (हि.स.)। नारी शक्ति स्वरूपा महिला प्रदेश संगठन ने टेक होम राशन वितरण योजना के ई-टेंडरिंग व्यवस्था के खिलाफ सड़कों पर उतरने का निर्णय लिया है। संगठन का कहना है कि एक ओर सरकार नारी उत्थान और सशक्तिकरण की बात करती है तो दूसरी तरफ नारी के विकास में चलायी जा रही योजनाओं को छीनने का काम किया जा रहा है। हम अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए आंदोलन चलाने में पीछे नहीं रहेंगे। गुरुवार को शहर के सुभाष रोड स्थित एक पहाड़ी रेस्तरा में प्रदेश अध्यक्ष गीता मौर्य और प्रदेश संयोजिका पूजा द्विवेद ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में महिलाओं से आजीविका छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश का निर्माण महिलाओं के संघर्ष के बदौलत है। चिपको आंदोलन से लेकर अन्य मुहिम में नारी के योगदान को समझा जा सकता है। वहीं सरकार महिलाओं को टेक होम योजना से वंचित रखने के लिए ई-टेंडरिंग के माध्यम से ठेकेदारों को काम दे रही है जबकि महिला समूहों ने अपने कामों से अतिकुपोषित बच्चों की संख्या निल कर दी है। उन्होंने कहा कि सरकार को विभाग और कुछ लोग गुमराह कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेक रहे हैं। सरकार का नारा बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं मात्र जुमला बन कर रह जाएगा। इस कार्य से ऐसा लगता है कि महिलाओं को बेघर और पुरुष सशक्तिकरण किया जा रहा है। इस मशीनी युग में सरकार को महिलाओं को रोजगार देने की चिंता करनी चाहिए न कि उनको आजीविका से वंचित रखा जाए। महिला संगठन ने सरकार से 20 अप्रैल तक ई-टेंडगिंर को समाप्त करने की मांग की है। अगर सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो बाध्य होकर 21 अप्रैल से आंदोलन का रुख अख्तियार करना पड़ेगा। हिन्दुस्थान समाचार/राजेश